नवरात्रि से लेकर दिवाली तक इस बार भारतीय बाजार में इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल उत्पादों की बिक्री ने नया इतिहास रच दिया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज, वाशिंग मशीन और एसी की रिकॉर्ड सेल ने बाजार को नई ऊर्जा दी है।
20-25% बढ़ी बिक्री, बढ़ा उपभोक्ता भरोसा
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इस बार नवरात्रि के दौरान बिक्री पिछले साल की तुलना में 20-25% अधिक रही। प्रमुख रिटेल चेन से लेकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तक, हर जगह उपभोक्ताओं ने जमकर खरीदारी की। खास बात यह रही कि 85 इंच के टेलीविज़न तक पूरी तरह बिक गए और कई परिवारों ने अपने पुराने उपकरणों को नए मॉडल से बदल दिया। यह भारतीय उपभोक्ताओं की बढ़ती क्रय-शक्ति और आर्थिक विश्वास का बड़ा संकेत है।
मोबाइल फोन की सबसे ज्यादा मांग, निर्यात में भी उछाल
त्योहारी सीजन में युवाओं के बीच सबसे ज्यादा मांग स्मार्टफोन की रही। लाखों लोगों ने अपने पुराने फोन अपग्रेड किए। मंत्री वैष्णव के मुताबिक, भारत से अमेरिका को स्मार्टफोन का निर्यात भी तेज़ी से बढ़ा है। “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” योजनाओं के चलते भारत आज वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के रूप में उभर रहा है।
रोजगार और उत्पादन में तेजी
त्योहारी खरीदारी के इस उछाल ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज कराई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, देशभर में 25 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है। कई प्रमुख वैश्विक कंपनियों ने अपने उत्पादन का 20% हिस्सा भारत में स्थानांतरित किया है, जिससे देश का औद्योगिक क्षेत्र और मजबूत हुआ है।
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की शानदार ग्रोथ
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन वित्त वर्ष 2014-15 के 1.9 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 11.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। वहीं मोबाइल फोन निर्माण में 28 गुना वृद्धि दर्ज की गई है — 2014-15 के 18,000 करोड़ से बढ़कर अब यह 5.45 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। भारत आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश बन गया है।
मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स की संख्या 2 से बढ़कर 300 हुई
मोबाइल फोन निर्माण की कहानी भारत की औद्योगिक सफलता का उदाहरण बन चुकी है। 2014 में जहां सिर्फ 2 यूनिट्स थीं, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 300 से अधिक हो चुकी है। इसी अवधि में मोबाइल निर्यात 1,500 करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया — यानी 127 गुना की जबरदस्त वृद्धि।
त्योहारी सीजन बना विकास का इंजन
वित्त वर्ष 2025-26 के शुरुआती पांच महीनों में ही स्मार्टफोन निर्यात 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 55% अधिक है। उद्योग जगत का मानना है कि त्योहारी सीजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार दी है और “मेक इन इंडिया” का सपना अब हकीकत बनता जा रहा है।
त्योहारी खुशियों ने अर्थव्यवस्था में जान फूंक दी
त्योहारी सीजन 2025 न केवल भारतीय उपभोक्ताओं के लिए खुशी लेकर आया, बल्कि उद्योग जगत के लिए भी यह आर्थिक पुनर्जागरण का दौर साबित हुआ। इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल सामानों की रिकॉर्ड बिक्री ने दिखा दिया कि भारत का उपभोक्ता बाजार अब आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और तेजी से बढ़ता हुआ है।