राजस्थान के टोंक जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। पतासा वाली गली में छापा मारकर एक मिठाई कारोबारी को रंगे हाथों पकड़ा गया, जो मिल्क पाउडर जैसे दिखने वाले केमिकल से मावा और मिठाइयां तैयार कर रहा था।
नकली मावा और मिठाई बनाने का खुलासा
खाद्य सुरक्षा अधिकारी सत्यनारायण गुर्जर के नेतृत्व में हुई इस छापेमारी में लगभग 100 किलो मिलावटी मिठाई, 25 किलो नकली मावा और 50 किलो मिल्क पाउडर रूपी केमिकल जब्त किया गया। यह सभी पदार्थ उपभोक्ताओं को असली बताकर बेचे जा रहे थे।
कैसे तैयार हो रहा था नकली मावा?
जांच के दौरान पता चला कि मिठाई बनाने के लिए जो मावा इस्तेमाल किया जा रहा था, वह असली नहीं था। वह एक सफेद रंग के केमिकल पाउडर से तैयार किया जा रहा था, जो देखने में तो मिल्क पाउडर जैसा लगता है लेकिन इसका दूध से कोई लेना-देना नहीं। यही नकली मावा बाजार में असली समझकर इस्तेमाल हो रहा था।
सैंपल भेजे गए जांच के लिए
कार्रवाई के दौरान सभी जब्त सामग्रियों के सैंपल लिए गए और उन्हें लैब में जांच के लिए भेजा गया है। प्राथमिक जांच में सभी खाद्य पदार्थ मिलावटी पाए गए हैं, जिससे इस धंधे की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
नकली केमिकल को किया गया नष्ट
मिल्क पाउडर के नाम पर रखे गए केमिकल को जप्त कर उसे नष्ट करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, ताकि यह दोबारा किसी के खाने में उपयोग न हो सके।
उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी
खाद्य सुरक्षा विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे त्योहारी सीजन में मिठाई खरीदते समय विशेष सतर्कता बरतें। दुकानों पर बनी मिठाइयों की गुणवत्ता परखें और शक होने पर तुरंत विभाग को सूचित करें।
दीपावली जैसे त्योहारों के समय जब मिठाइयों की खपत तेजी से बढ़ती है, ऐसे में इस तरह के मिलावटी कारोबार लोगों की सेहत के लिए खतरा बन सकते हैं। टोंक की इस कार्रवाई ने दिखा दिया है कि मिलावटखोर अब और चालाक हो गए हैं और केमिकल्स के जरिए नकली मावा तैयार कर रहे हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को सजग रहने की जरूरत है।
संवाददाता केशव राज सैन