भारतीय में पिछले कुछ दिनों से जो विवाद छिड़ा है, वह अगरकर की टिप्पणी से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि विराट कोहली और रोहित शर्मा को घरेलू क्रिकेट खेलना चाहिए यदि वे चयन में बने रहना चाहते हैं। इस तरह की मांग — खासकर वरिष्ठ खिलाड़ियों से — आलोचनाओं और बहस को जन्म दे रही है।
इसी पृष्ठभूमि में, इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज Steve Harmison ने इस मुद्दे पर मत प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि अगरकर की “टोन” सही नहीं है और इस तरह के बयान उकसाए हुए लगते हैं — विशेषकर बचपन के खिलाड़ियों या चयन प्रक्रिया को लेकर। कई मौकों पर Harmison ने यह संकेत दिया कि कोहली और रोहित जैसे दिग्गजों को इस तरह की टिप्पणी से अनावश्यक दबाव झेलना पड़ सकता है।
Steve Harmison का रुख: समर्थन और चेतावनियाँ
“मेस्सी एंड” की संभावना
Harmison ने चेताया है कि अगर यह विवाद बढ़ता है तो परिणाम messy हो सकते हैं — यानी यह बहसselector और खिलाड़ियों के बीच अनावश्यक तनाव पैदा कर सकती है। उन्होंने कहा:
“If anybody is going to win here, I think it is the former captains rather than the former all-rounder.”
“अगर अगरकर इस बयान को सिर्फ कोहली-रोहित को उत्तेजित करने के लिए कह रहा हो, तो ठीक — लेकिन अगर यह उकसाने का तरीका बन गया है, तो परिणाम messy हो सकते हैं।”कोहली बनाम रोहित — तुलना का पैमाना
Harmison ने यह भी कहा कि विराट कोहली अभी थोड़ा बेहतर स्थिति में हैं — उनके पास “runs in the bank” हैं और उनकी प्रतिष्ठा बहुत बड़ी है। रोहित जितना प्रभावशाली नहीं रहे हैं, खासकर 50 ओवर क्रिकेट में।
इस तरह, Harmison ने यह सुझाव दिया कि यदि चयनकर्ता टीम को पुनर्गठन करना चाहते हैं, तो कोहली की अनुपस्थिति का असर बहुत बड़ा हो सकता है:
“If Virat turns around and says, ‘You go to the 50-over World Cup without me… see where your team’s at.’”
चयन प्रक्रिया और टीम पर दबाव
अगर इस विवाद को सही तरीके से प्रबंधित नहीं किया गया, तो चयन समिति और खिलाड़ी दोनों पर दबाव बढ़ सकता है। वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ इस तरह के विवाद से टीम के मनोबल पर असर पड़ सकता है और कप्तानी निर्णयों को लेकर संदेह सामने आ सकता है।
टीम पुनर्गठन का संकट
चूंकि भारत ने शुबमन गिल को ODI टीम का नया कप्तान बनाया है, इस बदलाव के बीच कोहली और रोहित की भूमिका अब अनिश्चित हो गई है। यदि चयनकर्ताओं ने यह संदेश पहुंचाया कि खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलना ज़रूरी है, तो यह बदलाव की ओर इशारा हो सकता है — लेकिन इस परिवर्तन को संभलकर लागू करना होगा।
मीडिया और आलोचना का दबाव
इस विवाद में मीडिया का रोल और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। किसी भी शब्द का गलत अर्थ लेना या ज़्यादा बड़ा बन जाना पूरे माहौल को विषैले बना सकता है। Harmison ने इस बात की संभावनाएँ भी इंगित की हैं कि कुछ बयान “गलत अनुवाद” या “झूठा मतलब” देने वाले हो सकते हैं।
क्रिकेट जैसे खेल में खिलाड़ियों और चयनकर्ताओं के बीच संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है। Steve Harmison का रुख यह दिखाता है कि वरिष्ठ खिलाड़ियों का सम्मान और चयन प्रक्रिया दोनों ही समान रूप से महत्व रखते हैं।
अगरकर जैसे पदधारी से अपेक्षा की जा सकती है कि वे संवाद शालीनता और संवेदनशीलता के साथ करें। साथ ही, खिलाड़ियों को भी अपनी प्रतिक्रिया और भूमिका संभालकर निभानी चाहिए।