गुजरात के सूरत शहर में एक 16 वर्षीय छात्र ने अपनी पढ़ाई को लेकर डांट मिलने के बाद दुख और निराशा में सोसाइटी की 9वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी।
छात्र का परिवार घटना के समय घर पर था और पड़ोसियों की मदद से उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
लिस और परिवार की प्रतिक्रिया
पुलिस ने बताया कि छात्र के कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है।
इसमें उसने पढ़ाई और घर में मिलने वाली डांट को लेकर मानसिक तनाव की बात लिखी थी।
पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।
छात्र के माता-पिता और परिवारजन घटना से स्तब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि उनका बच्चा ऐसा कदम उठा सकता है।
मानसिक स्वास्थ्य की चेतावनी
विशेषज्ञों के अनुसार, पढ़ाई और घरेलू दबाव के कारण किशोरों में मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है।
अत्यधिक दबाव, डांट-फटकार और असफलताओं के डर से कई बार युवा आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो जाते हैं।
इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि परिवार और शिक्षकों को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना आवश्यक है।
समाज और स्कूल की भूमिका
स्कूल और समाज को बच्चों की भावनात्मक स्थिति और तनाव के संकेतों को पहचानना चाहिए।
पढ़ाई में असफलताओं या आलोचना से डरे हुए छात्र को सहारा और मार्गदर्शन देने की जरूरत है।
घटना ने यह भी दिखाया कि किशोरों के लिए मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग कितनी जरूरी है।
सूरत में हुई इस दुखद घटना ने बच्चों और परिवारों के लिए चेतावनी दे दी है।
पढ़ाई के दबाव में किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।
परिवार, स्कूल और समाज को मिलकर बच्चों की देखभाल और सही मार्गदर्शन देना आवश्यक है, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।