श्रीगंगानगर गुरुद्वारा शिरोमणी भगत संत बाबा नामदेव जी में 755वां प्रकाशोत्सव इस वर्ष 24 से 26 अक्टूबर 2025 तक बड़ी श्रद्धा, उत्साह और सेवाभाव से मनाया जाएगा। इस तीन दिवसीय धार्मिक आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं, और संगत में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है।
पहला दिन: अखंड पाठ साहिब का आरंभ
24 अक्टूबर को कार्यक्रम की शुरुआत अखंड पाठ साहिब के प्रकाश से होगी। गुरुद्वारा साहिब के परिसर में सुबह से ही भक्तजन एकत्रित होंगे, और श्रद्धा से पाठ में शामिल होंगे।
नगर कीर्तन का भव्य आयोजन
इसी दिन सुबह 11:30 बजे, एक आध्यात्मिक नगर कीर्तन निकाला जाएगा, जो शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए गुरुद्वारा साहिब में समापन करेगा।
नगर कीर्तन में मुख्य आकर्षण होंगे:
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पारंपरिक गातका दल द्वारा दिखाए जाने वाले शौर्य प्रदर्शन
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स्कूलों के बच्चों की प्रस्तुतियां
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रंग-बिरंगी फूलों से सजी पालकी साहिब
साथ ही, संगत द्वारा रास्ते में जगह-जगह पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया जाएगा।
मुख्य समागम: 26 अक्टूबर 2025
विशेष कीर्तन दरबार
मुख्य समागम 26 अक्टूबर को आयोजित होगा, जिसमें विशेष कीर्तन दरबार सजेगा। इसमें पंथ प्रसिद्ध रागी जत्थे अपनी स Gurbani से संगत को गुरु चरणों से जोड़ेंगे।
अटूट लंगर का आयोजन
समागम के अंत में गुरु का अटूट लंगर बरताया जाएगा, जहां सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाएगा।
भव्य सजावट और सेवाभाव
गुरुद्वारा परिसर को विशेष रूप से दीयों, फूलों, और रोशनी से सजाया जा रहा है। इस आयोजन के लिए 100 से अधिक सेवादार तन-मन-धन से सेवा में जुटे हैं, जो पूरी संगत के लिए व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित कर रहे हैं।
संत बाबा नामदेव जी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक
संत बाबा नामदेव जी की शिक्षाएं आज भी मानव समाज के लिए मार्गदर्शक हैं।
उनकी वाणी हमें भक्ति, समानता और मानवता का संदेश देती है।
आज जब समाज में कई तरह की चुनौतियां हैं, तब बाबा नामदेव जी का जीवन और उनका संदेश हमें सत्य, प्रेम और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
755वें प्रकाशोत्सव का यह आयोजन केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागृति का भी अवसर है। श्रीगंगानगर की संगत इस आयोजन को एक उत्सव के रूप में मना रही है, जो सद्भाव, संयम, और समर्पण की मिसाल है।
यदि आप इस अवसर पर श्रीगंगानगर में हैं, तो इस दिव्य आयोजन में भाग लेकर जीवन को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर सकते हैं।
संवाददाता: साहब राम