केशवरायपाटन (बूंदी)_शिक्षा, परिश्रम और आत्मविश्वास के बल पर जब कोई आगे बढ़ता है, तो न केवल उसका परिवार, बल्कि पूरा समाज गौरव महसूस करता है। ऐसा ही एक प्रेरणादायक उदाहरण पेश किया है केशवरायपाटन कस्बे की श्रद्धा शर्मा ने, जिन्होंने राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा पास कर अपना और अपने कस्बे का नाम रोशन किया है।
श्रद्धा शर्मा, चामुंडा कॉलोनी निवासी स्वर्गीय चंद्रप्रकाश शर्मा की सुपुत्री हैं। बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहीं श्रद्धा ने यह साबित कर दिया कि सपनों को हकीकत में बदलने के लिए समर्पण और निरंतर प्रयास ही सबसे बड़ा हथियार है।
RAS जैसी प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा को पास करना कोई आसान उपलब्धि नहीं है। इस परीक्षा के माध्यम से राज्य सरकार के प्रशासनिक पदों के लिए योग्य अधिकारियों का चयन किया जाता है।
कस्बे में खुशी की लहर
श्रद्धा की सफलता की खबर जैसे ही क्षेत्रवासियों को मिली, पूरे कस्बे में खुशी और गर्व की लहर दौड़ गई। स्थानीय लोगों, समाजजनों और रिश्तेदारों ने श्रद्धा के घर पहुंचकर उन्हें बधाई दी। सोशल मीडिया पर भी श्रद्धा की इस उपलब्धि की खूब सराहना हो रही है।
श्रद्धा का समर्पण और संघर्ष
RAS परीक्षा की तैयारी में श्रद्धा ने कठिन परिश्रम किया। सीमित संसाधनों में भी उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार अध्ययन व आत्मविश्वास के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रहीं।
उन्होंने बताया कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। निरंतर पढ़ाई, सटीक रणनीति, समय प्रबंधन और मानसिक संतुलन सफलता की कुंजी है।
श्रद्धा का संदेश युवाओं के नाम
अपनी सफलता का श्रेय श्रद्धा ने अपनी मां, परिवारजनों, शिक्षकों और मित्रों को दिया। उन्होंने कहा कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और संकल्प मजबूत हो, तो कोई भी कठिनाई रास्ता नहीं रोक सकती। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे निराश न हों, लक्ष्य को लेकर जुनून बनाए रखें और कड़ी मेहनत करें।
श्रद्धा शर्मा की सफलता न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे केशवरायपाटन क्षेत्र के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह दर्शाता है कि अगर इच्छाशक्ति प्रबल हो, तो कोई भी लड़की, चाहे वह छोटे कस्बे से ही क्यों न हो, बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकती है। श्रद्धा जैसी बेटियां आज समाज को एक नई दिशा दे रही हैं और यह साबित कर रही हैं कि मेहनत और हौसला हर मुश्किल को पार कर सकता है।
संवाददाता: लोकेश शर्मा
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