नई दिल्ली: पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नक्सलवाद अब धीरे-धीरे समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जो क्षेत्र पहले “रेड कॉरिडोर” कहलाता था, आज वह “ग्रोथ कॉरिडोर” बन गया है।
नक्सलियों ने छोड़ा हिंसा का रास्ता
राजनाथ सिंह ने कहा कि जो नक्सली पहले राज्य के खिलाफ हथियार उठाते थे, अब वे आत्मसमर्पण कर विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरकार और पुलिस बलों के संयुक्त प्रयासों से नक्सलवाद लगभग खत्म हो गया है।
सशक्त पुलिस ही सशक्त राष्ट्र की नींव
रक्षा मंत्री ने कहा कि देश आज इसलिए सुरक्षित है क्योंकि पुलिस और सुरक्षा बल हर खतरे के सामने डटे रहते हैं। उन्होंने कहा कि सेना देश की भौगोलिक अखंडता की रक्षा करती है, जबकि पुलिस सामाजिक अखंडता की।
पुलिस बलों को मिल रही आधुनिक सुविधाएं
राजनाथ सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पुलिस बलों को ड्रोन, सर्विलांस सिस्टम, फॉरेंसिक लैब और डिजिटल पोलिसिंग जैसी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया है। इससे पुलिस की कार्यक्षमता और विश्वास दोनों बढ़े हैं।
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना
उन्होंने कहा कि 2018 में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना शहीद पुलिसकर्मियों के बलिदान को याद रखने और उन्हें सम्मान देने के उद्देश्य से की गई थी। यह स्मारक देश के उन वीरों को समर्पित है जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर किया।
नक्सल क्षेत्रों में विकास की नई रोशनी
राजनाथ सिंह ने बताया कि जो इलाके पहले नक्सलवाद के आतंक से कांपते थे, अब वहां स्कूल, सड़कें और अस्पताल बन चुके हैं। “रेड कॉरिडोर अब ग्रोथ कॉरिडोर बन चुका है,” उन्होंने कहा। उन्होंने इसे पुलिस, CRPF, BSF और स्थानीय प्रशासन के समर्पण का नतीजा बताया।
जनता और पुलिस का पारस्परिक विश्वास
राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि नागरिक रात को चैन की नींद सो पाते हैं, तो यह पुलिस और सेना की मुस्तैदी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि सशक्त पुलिस ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकती है और यही भारत की सामाजिक अखंडता की असली ताकत है।