बिहार की सियासत में आज का दिन बेहद अहम है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज समस्तीपुर जिले के कर्पूरी ठाकुर ग्राम से अपनी पहली चुनावी रैली की शुरुआत करने जा रहे हैं। विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद पीएम मोदी का यह पहला दौरा है। इस रैली से न सिर्फ बीजेपी बल्कि एनडीए की चुनावी रणनीति को भी नई धार मिलने की उम्मीद है।
कर्पूरी ठाकुर के गांव से चुनावी शंखनाद
प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के जननायक कर्पूरी ठाकुर के गांव से रैली शुरू करने का फैसला कर एक बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। कर्पूरी ठाकुर को हाल ही में मोदी सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित किया था। रैली का यह स्थान यह संकेत देता है कि एनडीए आने वाले चुनावों में ओबीसी और ईबीसी वोट बैंक को मजबूत करने पर जोर देगा। यह चुनावी रणनीति बिहार की सामाजिक संरचना को देखते हुए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम
पीएम मोदी शुक्रवार सुबह 10 बजे दिल्ली से दरभंगा हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे। वहां से वह समस्तीपुर जिले के जीकेपीडी कॉलेज मैदान, कर्पूरी ग्राम के लिए प्रस्थान करेंगे। सबसे पहले प्रधानमंत्री कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद वे दोपहर 12 बजे पुलिस लाइन दूधपुरा मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे। रैली के बाद प्रधानमंत्री बेगूसराय रवाना होंगे, जहां उलाव हवाई अड्डे के पास दोपहर 1:40 बजे उनकी एक और रैली प्रस्तावित है। शाम को वे दरभंगा हवाई अड्डे से दिल्ली लौट जाएंगे।
एनडीए की चुनावी रणनीति को मिलेगी धार
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह पहले ही बिहार की चुनावी तैयारी में जुटे हुए हैं। अमित शाह बक्सर और सीवान में रैलियां कर चुके हैं और टिकट वितरण से नाराज नेताओं को मनाने में लगे हैं। अब पीएम मोदी की एंट्री से एनडीए के चुनाव अभियान को नई गति मिलने की उम्मीद है। मोदी की रैली से पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भरने और चुनावी नैरेटिव तय करने की योजना बनाई गई है।
विपक्ष पर सियासी हमला और संभावित एजेंडा
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी इस रैली में विपक्षी महागठबंधन को परिवारवाद, भ्रष्टाचार और जंगलराज के मुद्दों पर घेर सकते हैं। यह रैली एनडीए की ओर से जनता के बीच एकता, विकास और स्थिर सरकार के संदेश को मजबूत करने का मंच बनेगी। पीएम मोदी का फोकस ‘विकसित बिहार’ और ‘विकसित भारत’ के विजन पर रहने की संभावना है।
कर्पूरी ठाकुर की विरासत से जुड़ने की कोशिश
कर्पूरी ठाकुर को बिहार में गरीबों, पिछड़ों और वंचितों के मसीहा के रूप में जाना जाता है। ऐसे में उनके गांव से चुनावी रैली शुरू करना बीजेपी की ओर से ओबीसी समुदाय को साधने की बड़ी रणनीति मानी जा रही है। यह कदम यह भी दर्शाता है कि एनडीए गठबंधन ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘सामाजिक न्याय’ के एजेंडे को एक साथ लेकर चलना चाहता है।
बीजेपी-जेडीयू का तालमेल और गठबंधन की एकजुटता
एनडीए में बीजेपी और जेडीयू के बीच तालमेल को लेकर कई बार सवाल उठते रहे हैं, लेकिन पीएम मोदी की रैली यह संकेत देती है कि दोनों दल अब एकजुट होकर मैदान में उतर चुके हैं। जेडीयू नेताओं के अनुसार, यह रैली बिहार की राजनीति में एनडीए के पुनरुत्थान की शुरुआत है।
बिहार की राजनीति में नई दिशा
समस्तीपुर की यह रैली बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए के चुनावी अभियान की दिशा तय करेगी। कर्पूरी ठाकुर की धरती से मोदी का संदेश ओबीसी और आम मतदाताओं तक पहुंचाने का एक मजबूत प्रयास है। यह रैली बिहार की राजनीति में न केवल प्रतीकात्मक बल्कि रणनीतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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