बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर असंतोष का माहौल है।
आरजेडी अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने गठबंधन में शामिल सहयोगियों के लिए सीटों का ऑफर रखा, लेकिन इस प्रस्ताव ने विवाद खड़ा कर दिया।
विशेष रूप से VIP के प्रमुख मुकेश सहनी और लेफ्ट पार्टियां इस ऑफर से संतुष्ट नहीं हैं।
मुकेश सहनी की प्रतिक्रिया
मुकेश सहनी का कहना है कि तेजस्वी यादव का ऑफर उनके पार्टी के हितों और जनता के समर्थन को पर्याप्त नहीं मानता।
उनका आरोप है कि सीटों का वितरण पार्टी के चुनावी आधार और मजबूत क्षेत्रों को नजरअंदाज करता है।
इस वजह से VIP ने महागठबंधन के साथ अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करने की चेतावनी दी है।
लेफ्ट पार्टियों की नाराजगी
लेफ्ट पार्टियों का कहना है कि उनका प्रतिनिधित्व और महत्वपूर्ण सीटें ऑफर में ठीक तरह से शामिल नहीं की गई हैं।
उनका आरोप है कि महागठबंधन में बड़ा खिलाड़ी आरजेडी अन्य सहयोगियों की मांगों को नजरअंदाज कर रहा है।
इससे यह संकेत मिलता है कि चुनाव से पहले गठबंधन में खिचड़ापन और असंतोष बढ़ रहा है।
राजनीतिक समीकरण पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर महागठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग विवाद बढ़ा, तो इसका असर बिहार चुनाव की रणनीति पर पड़ेगा।
विरोधियों के लिए यह स्थिति मौका बन सकती है।
महागठबंधन को चाहिए कि वे सहयोगियों की मांगों और संतुलन को ध्यान में रखते हुए सीटों का पुनर्वितरण करें।
महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर तेजस्वी यादव के ऑफर ने VIP और लेफ्ट पार्टियों में असंतोष पैदा कर दिया है।
बिहार चुनाव 2025 में इस विवाद का प्रभाव गठबंधन की ताकत और चुनावी रणनीति पर पड़ सकता है।
अब देखना यह है कि महागठबंधन इस असंतोष को कैसे दूर करता है और सहयोगियों के साथ संतुलन बनाता है।