उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पालतू जानवरों को लेकर एक नया नियम लागू किया गया है। अब अगर कोई व्यक्ति बिल्ली पालना चाहता है, तो उसे नगर निगम से लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। बिना लाइसेंस के बिल्ली पालने पर ₹1000 का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह कदम शहर में पालतू जानवरों की सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
नियम और प्रक्रिया
लखनऊ नगर निगम ने बताया कि यह नियम सभी पालतू बिल्लियों पर लागू होगा। लाइसेंस लेने के लिए मालिक को पालतू बिल्ली की जानकारी, स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और निवास प्रमाण जमा करना होगा। लाइसेंस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पालतू जानवर सुरक्षित, स्वस्थ और शहर में अन्य लोगों के लिए खतरा न बने।
जुर्माने और अनुपालन
अगर कोई नागरिक बिना लाइसेंस के बिल्ली रखता पाया जाता है, तो उसे ₹1000 का जुर्माना अदा करना होगा। अधिकारियों का कहना है कि यह जुर्माना पहली चेतावनी के तौर पर भी लगाया जा सकता है, ताकि लोग नियमों का पालन करें और पालतू जानवरों के प्रति जिम्मेदार बनें।
प्रशासन का उद्देश्य
नगर निगम के अधिकारी बताते हैं कि इस नियम का मकसद है:
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पालतू जानवरों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना।
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शहर में साफ-सफाई और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना।
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नागरिकों को पालतू जानवरों की देखभाल और जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करना।
पालतू मालिकों के लिए टिप्स
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बिल्ली पालने से पहले नगर निगम से लाइसेंस लेना आवश्यक है।
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पालतू जानवर की टीकाकरण और स्वास्थ्य प्रमाणपत्र रखना अनिवार्य है।
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पालतू बिल्ली के लिए साफ-सुथरा और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें।
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अन्य नागरिकों की सुरक्षा और शांति का ध्यान रखें।
लखनऊ में यह नया नियम पालतू जानवरों की सुरक्षा और नागरिकों की सुविधा दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। अब पालतू बिल्ली रखने वाले सभी लोगों को लाइसेंस प्रक्रिया पूरी करनी होगी, ताकि जुर्माना और कानूनी परेशानियों से बचा जा सके।
यह कदम न केवल पालतू जानवरों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि शहर में सुरक्षा और साफ-सफाई बनाए रखने में भी मदद करेगा।