जालोर के आकवा गाँव में नवरात्रि के चौथे दिन गरबा महोत्सव की धूम
सायला उपखंड के आकवा गाँव और आसपास के क्षेत्रों में नवरात्रि के चौथे दिन गरबा महोत्सव की भव्य धूम देखने को मिली। श्री चामुंडा गरबा मंडल गोगाजी मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए और गरबों का आनंद उठाया। इस दौरान मंदिर और महोत्सव स्थल को आकर्षक रोशनी, तोरण द्वार और फूल मालाओं से सजाया गया।
शाम ढलते ही गाँव और आस-पास के इलाकों से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। हर उम्र के लोग – बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक – गरबा महोत्सव का हिस्सा बने। पूरे माहौल में भक्ति और उत्साह का संगम नजर आया।
कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियाँ
गरबा महोत्सव की खासियत इसकी सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ रहीं। गायक प्रकाश देवासी आकवा और चव्यन ठाकुर एंड पार्टी ने राजस्थानी और गुजराती गरबों की मनमोहक प्रस्तुति दी। उनकी आवाज़ और धुन पर श्रद्धालु झूम उठे।
वहीं, डांसर विक्की जालोरी ने अपनी नृत्य प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया। इसके अलावा कॉमेडियन और अन्य कलाकारों ने भी मंच पर रंग जमाया। इन प्रस्तुतियों ने महोत्सव को और भी मनोरंजक बना दिया।
ग्रामीणों की सहभागिता
इस गरबा महोत्सव की एक बड़ी खासियत यह रही कि इसका आयोजन आकवा गाँव के सभी ग्रामीणों ने मिलकर किया।
सभी ने मिलकर सजावट, मंच, व्यवस्था और प्रसाद की जिम्मेदारी संभाली।
यह आयोजन केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं रहा, बल्कि ग्रामीणों की एकजुटता और सहयोग की मिसाल भी पेश की।
सांस्कृतिक एकता का प्रतीक गरबा
गरबा सिर्फ पूजा या आस्था का माध्यम नहीं है। यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रतीक है।
जीवाणा क्षेत्र के लोग गरबा महोत्सव में अपनी पारंपरिक संगीत और नृत्य शैलियों को प्रस्तुत करते हैं।
इससे नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने का अवसर मिलता है।
आज जब आधुनिकता तेजी से बढ़ रही है, ऐसे आयोजन युवाओं को उनकी जड़ों से जोड़े रखते हैं।
गरबा महोत्सव से न केवल धार्मिक भावना प्रकट होती है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी संदेश मिलता है।
जालोर। संवाददाता प्रताप चौधरी