EPFO ने बदले नियम, अब PF अकाउंट से निकाल सकेंगे पूरा पैसा

देशभर के करोड़ों कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने नियमों में अहम बदलाव किया है, जिसके तहत अब सदस्य अपने PF खाते से पूरा बैलेंस निकाल सकेंगे। हालांकि, इसके साथ एक नया “मिनिमम बैलेंस नियम” भी लागू किया गया है, जिसे जानना हर EPFO सदस्य के लिए जरूरी है।

नए नियम का फायदा देशभर में करीब 7 करोड़ EPFO खाताधारकों को मिलने जा रहा है।

क्या है नया PF निकासी नियम?

पहले तक EPFO के नियमों के तहत कर्मचारी केवल कुछ परिस्थितियों में ही आंशिक या पूर्ण राशि निकाल सकते थे — जैसे रिटायरमेंट, नौकरी छोड़ने के दो महीने बाद या विशेष मेडिकल स्थिति में।
लेकिन अब संशोधित नियमों के अनुसार, अगर कर्मचारी कुछ निर्धारित शर्तें पूरी करता है, तो वह 100% PF बैलेंस निकाल सकता है।

EPFO के नए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यदि किसी कर्मचारी ने लगातार 5 साल तक योगदान किया है और उसके बाद वह किसी अन्य संस्था में नहीं जुड़ता, तो वह अपने पूरे बैलेंस की निकासी कर सकता है।

मिनिमम बैलेंस का नियम क्या है?

नई गाइडलाइन के तहत, हर PF अकाउंट में न्यूनतम ₹1,000 का बैलेंस बनाए रखना जरूरी होगा।
अगर कोई सदस्य अपने PF अकाउंट को एक्टिव रखना चाहता है, तो खाते में यह राशि बनी रहनी चाहिए।
इससे खाता “इनएक्टिव” होने से बचा रहेगा और ब्याज का लाभ भी मिलता रहेगा।

यदि सदस्य पूरा बैलेंस निकालना चाहता है, तो उसे अपने EPFO पोर्टल पर जाकर UAN लॉगिन से निकासी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

कैसे निकालें पूरा PF बैलेंस ऑनलाइन

  1. सबसे पहले https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in पर जाएं।

  2. अपना UAN नंबर और पासवर्ड डालकर लॉगिन करें।

  3. “Online Services” टैब पर क्लिक करें और “Claim (Form-31, 19 & 10C)” विकल्प चुनें।

  4. बैंक अकाउंट और KYC वेरिफाई करें।

  5. Withdrawal के लिए “Full PF Settlement” चुनें और सबमिट करें।

सिस्टम ऑटोमेटिकली आपके मिनिमम बैलेंस की स्थिति चेक करेगा और शर्त पूरी होने पर फंड आपके बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाएगा।

7 करोड़ लोगों को बड़ा फायदा

EPFO के इस बदलाव से लगभग 7 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
यह कदम खास तौर पर उन कर्मचारियों के लिए राहत लेकर आया है जो नौकरी बदलते हैं या बेरोजगार हो जाते हैं और उन्हें पैसों की जरूरत होती है।

इसके अलावा, EPFO ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन सदस्यों के अकाउंट लंबे समय से निष्क्रिय हैं, उन्हें भी ब्याज का लाभ जारी रहेगा।

क्यों किया गया बदलाव

सरकारी सूत्रों के अनुसार, कोविड महामारी और बढ़ती बेरोजगारी के बाद कई सदस्यों ने PF निकासी की मांग की थी।
EPFO बोर्ड ने यह निर्णय इसलिए लिया ताकि कर्मचारी अपने पैसों पर अधिक नियंत्रण रख सकें और इमरजेंसी स्थितियों में आर्थिक राहत पा सकें।

EPFO का यह नया नियम करोड़ों कर्मचारियों के लिए वरदान साबित होगा।
अब सदस्य अपने PF बैलेंस पर पूरा अधिकार रख सकेंगे, बस उन्हें मिनिमम बैलेंस का ध्यान रखना होगा।
यह बदलाव कर्मचारियों को अधिक लचीलापन और वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करेगा।

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