दिल्ली में अब महिलाएं दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में रात की शिफ्ट में काम कर सकेंगी। सरकार ने इस निर्णय को औपचारिक रूप से नोटिफिकेशन जारी कर मंजूरी दे दी है।
महिला कर्मचारियों की लिखित सहमति लेना अनिवार्य होगा, और उनके सुरक्षा और सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
कार्य समय और वेतन संबंधी नियम
नोटिफिकेशन के अनुसार:
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किसी भी कर्मचारी को किसी दिन 9 घंटे से अधिक (भोजन-विश्राम सहित) और साप्ताहिक 48 घंटे से अधिक काम नहीं करवाया जाएगा।
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लगातार 5 घंटे से ज्यादा काम करने की अनुमति नहीं होगी।
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नाइट शिफ्ट या ओवरटाइम पर कर्मचारियों को सामान्य वेतन का दोगुना भुगतान मिलेगा।
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शिफ्ट प्रणाली इस तरह बनाई जाएगी कि किसी भी कर्मचारी को सिर्फ नाइट शिफ्ट में काम करने के लिए मजबूर न किया जाए।
सुरक्षा और निगरानी के प्रावधान
नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए निम्नलिखित प्रावधान लागू होंगे:
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हर प्रतिष्ठान में आंतरिक शिकायत समिति (ICC) गठित करना अनिवार्य होगा।
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सभी कार्यस्थलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और फुटेज कम से कम एक महीने तक सुरक्षित रखी जाएगी।
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जरूरत पड़ने पर रिकॉर्डिंग मुख्य निरीक्षक (शॉप्स विभाग) को प्रस्तुत करनी होगी।
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नियोक्ता को सुरक्षा, परिवहन और उपयुक्त सुविधाओं की व्यवस्था करनी होगी।
नीति का ऐतिहासिक पहलू
इस फैसले की शुरुआत इस साल की शुरुआत में हुई थी, जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रस्ताव को मंजूरी दी।
श्रम विभाग ने दिल्ली दुकानदार एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1954 में दो नए प्रावधान जोड़े, जो महिलाओं की नियुक्ति और कार्य की शर्तों से संबंधित हैं।
महिला कर्मचारियों के लिए लाभ
इस नियम के लागू होने से महिलाओं को न केवल रात की शिफ्ट में काम करने का विकल्प मिलेगा, बल्कि उनके वेतन और सुरक्षा के अधिकार भी सुनिश्चित होंगे।
इससे नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को ओवरटाइम का दोगुना वेतन, सुरक्षित परिवहन, और कार्यस्थल की निगरानी जैसी सुविधाएं मिलेंगी।



