असम के बारपेटा जिले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए पत्नी और बेटी की हत्या करने वाले अभियुक्त ऋषभ दास को मौत की सजा सुनाई है। यह बारपेटा न्यायालय के इतिहास में पहली बार है जब किसी अपराधी को फांसी की सजा दी गई है। अदालत ने इस मामले में कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए किसी भी अन्य सजा से न्याय पूरा नहीं होगा।
दो साल में आया ऐतिहासिक फैसला
यह मामला 13 अक्टूबर 2023 को बारपेटा के गांधी नगर क्षेत्र में हुआ था, जब ऋषभ दास ने अपनी पत्नी बिनीता दास और बेटी हिया दास की कुल्हाड़ी से नृशंस हत्या कर दी थी। दो साल तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद अदालत ने अब यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।
हत्या की रात का भयावह मंजर
उस रात घर में चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे तो उन्होंने दोनों के शव खून से लथपथ पाए। आरोपी ऋषभ दास को पुलिस ने उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था। जांच में सामने आया कि उसने पहले भी अपनी बहन पर कुल्हाड़ी से हमला किया था, जिससे उसकी एक उंगली कट गई थी।
बेटी हिया दास थी एक होनहार छात्रा
मृतक बेटी हिया दास हायर सेकेंडरी की छात्रा थी और पढ़ाई में बेहद तेज थी। लोगों का कहना है कि उसकी जिंदगी उसके अपने पिता की क्रूरता की भेंट चढ़ गई। यह घटना पूरे असम में आक्रोश और दुख का कारण बनी।
फैसले से मिला न्याय का संदेश
लगभग दो साल चली सुनवाई के बाद अदालत ने इस फैसले को “न्याय का सशक्त उदाहरण” बताया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे जघन्य अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई ही समाज को सही संदेश दे सकती है। यह फैसला इस बात का प्रतीक है कि कानून अपने नागरिकों की रक्षा करने में सक्षम है और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।