नेतन्याहू ने कहा – ट्रंप ने मध्य-पूर्व में शांति की नींव रखी
इज़रायल की संसद कनेसट में एक ऐतिहासिक क्षण तब आया जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान ऐसे समय में दिया गया है, जब हाल ही में गाजा पट्टी से कई बंधकों की रिहाई की खबर सामने आई, जिससे पूरे देश में राहत की लहर दौड़ गई।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुद ट्रंप की प्रशंसा करते हुए उन्हें यह पुरस्कार सौंपा। संसद भवन में मौजूद सभी सदस्यों ने ट्रंप के सम्मान में स्टैंडिंग ओवेशन दी।
अब्राहम समझौतों से मिला इज़रायल को नया मोर्चा
नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप के कार्यकाल में हुए अब्राहम समझौते (Abraham Accords) ने इज़रायल और अरब देशों के बीच रिश्तों को नई ऊंचाई दी।
इन समझौतों के तहत इज़रायल और कई मुस्लिम देशों जैसे:
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संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
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बहरीन
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सूडान
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मोरक्को
ने एक-दूसरे के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए, जो पहले नामुमकिन समझा जाता था। नेतन्याहू ने कहा कि ट्रंप की नीति ने इज़रायल को सुरक्षा, संबंध, और संधियों के क्षेत्र में मजबूती दी।
बंधकों की रिहाई: अमेरिका की कूटनीति का नतीजा
हाल ही में गाजा में आतंकियों द्वारा बंधक बनाए गए कई इज़रायली नागरिकों की सुरक्षित वापसी हुई है।
इस मामले में अमेरिका ने डिप्लोमैटिक सहयोग और बैक चैनल बातचीत के ज़रिए अहम भूमिका निभाई।
इस घटनाक्रम के बाद इज़रायली संसद में ट्रंप को सम्मान देना यह दर्शाता है कि उनके नेतृत्व की भूमिका आज भी इज़रायल के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।
ट्रंप का वीडियो संदेश: इज़रायल मेरा मित्र है
कार्यक्रम में ट्रंप ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संदेश दिया। उन्होंने कहा:
“इज़रायल हमेशा अमेरिका का विश्वसनीय मित्र रहा है। मुझे गर्व है कि मैंने इस रिश्ते को और मजबूत किया।”
उन्होंने इज़रायल की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि वे भविष्य में भी मध्य-पूर्व में शांति और सुरक्षा के लिए सहयोग करते रहेंगे।
संसद भवन में भावनात्मक माहौल
संसद भवन में इस दौरान काफी भावनात्मक माहौल देखने को मिला।
सभी सांसदों ने ट्रंप के लिए खड़े होकर तालियाँ बजाईं और उनके कार्यकाल में हुए ऐतिहासिक फैसलों को याद किया।
इस मौके पर इज़रायली रक्षा मंत्रालय के अधिकारी, संसद सदस्य और विभिन्न राजनयिक भी मौजूद थे।
इस सम्मान को कई राजनीतिक विश्लेषक ट्रंप की वैश्विक छवि के लिहाज से भी अहम मानते हैं।
चुनावी दृष्टिकोण से देखें तो यह सम्मान ट्रंप की 2024 या 2028 की राष्ट्रपति पद की दावेदारी को भी मजबूती देता है।
इज़रायल में उन्हें अब भी ऐसा नेता माना जा रहा है जिसने सिर्फ बातें नहीं, बल्कि ऐतिहासिक फैसले लिए और पूरे क्षेत्र में शांति की उम्मीदें जगाईं।