अयोध्या इस बार दीपोत्सव 2025 के मौके पर जगमगा उठी है। सरयू तट पर हो रही भव्य महाआरती और लाखों दीपों की रोशनी ने पूरी रामनगरी को दिव्य बना दिया है। प्रभु श्रीराम की नगरी में देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और हर ओर भक्ति और उल्लास का माहौल है।
सरयू तट पर भव्य महाआरती से बनेगा नया इतिहास
इस वर्ष की महाआरती ऐतिहासिक बनने जा रही है। पिछली बार जहां 1151 लोगों ने सामूहिक आरती कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया था, वहीं इस बार यह आयोजन उससे दोगुने स्तर पर किया जा रहा है। अयोध्या की यह आरती सामूहिक भक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतीक बनेगी।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एआई कैमरे तैनात
डीएम निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि दीपोत्सव के दौरान सुरक्षा के लिए प्रशासन ने एआई कैमरे लगाए हैं। ये कैमरे भीड़ का हेड काउंट करने के साथ-साथ संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान भी कर सकेंगे। प्रशासन ने कार्यक्रम स्थल को 11 जोन में बांटकर हर जोन में 200 प्रतिभागियों की व्यवस्था की है।
शोभा यात्रा और झांकी ने बढ़ाई भव्यता
दीपोत्सव से पहले रामपथ पर शोभा यात्रा निकाली गई, जिसे पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस शोभा यात्रा में प्रभु श्रीराम, माता सीता और हनुमान जी की झांकियों ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अयोध्या में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड संख्या
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, 2017 से अब तक दीपोत्सव के कारण अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2017 में 1.78 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे, जबकि 2019 तक यह संख्या बढ़कर 2.04 करोड़ से अधिक हो गई। दीपोत्सव ने न केवल अयोध्या की पहचान बढ़ाई है, बल्कि पर्यटन में भी बड़ा योगदान दिया है।
अयोध्या की बढ़ती लोकप्रियता
दीपोत्सव की परंपरा ने अयोध्या को वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध बना दिया है। यहां हर साल आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। श्रीराम की नगरी अब न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक पर्यटन का केंद्र बन चुकी है।