लोकपाल कार्यालय द्वारा 7 BMW 330 Li लग्जरी कारों की खरीद के लिए 16 अक्टूबर को निकाले गए टेंडर ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। हर कार की कीमत 70 लाख रुपए से अधिक बताई जा रही है, जिससे कुल खर्च 5 करोड़ रुपए से ज्यादा होगा।
कांग्रेस नेताओं ने इस कदम को ‘विलासिता का प्रतीक’ बताते हुए सरकार पर हमला बोला है।
पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने लोकपाल की कार खरीद योजना पर सवाल उठाते हुए कहा —
“जब सुप्रीम कोर्ट के जज साधारण सेडान में चलते हैं, तो लोकपाल अध्यक्ष और छह सदस्यों को बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी कारों की क्या जरूरत है?”
उन्होंने इसे जनता के पैसे की फिजूलखर्ची बताते हुए कहा कि लोकपाल जैसी संस्था को सादगी और पारदर्शिता का उदाहरण बनना चाहिए।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —
“भ्रष्टाचार विरोधी संस्था अब अपने सदस्यों के लिए बीएमडब्ल्यू खरीद रही है, यह बेहद दुखद है। यह संस्था ईमानदारी की रखवाली नहीं, विलासिता की दीवानी लगती है।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा —
“70 लाख की बीएमडब्ल्यू कारें लेने वाली यह संस्था अब भ्रष्टाचार विरोधी प्रहरी नहीं, पालतू जानवर जैसी लगती है।”
सिंघवी ने बताया कि 1960 के दशक में उनके पिता डॉ. एल.एम. सिंघवी ने ही लोकपाल की अवधारणा दी थी और वह खुद लोकपाल पर संसदीय समिति के अध्यक्ष रह चुके हैं।
सिंघवी ने आंकड़ों के साथ लोकपाल की कार्यक्षमता पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि 2019 में गठन के बाद से लोकपाल को 8,703 शिकायतें मिलीं, जिनमें से सिर्फ 24 मामलों की जांच हुई और केवल 6 मामलों में मुकदमा चलाने की अनुमति दी गई।
टेंडर दस्तावेजों के अनुसार, कारें डिलीवर होने के बाद BMW कंपनी लोकपाल ड्राइवरों को सात दिन की ट्रेनिंग देगी, जिसमें कार के तकनीकी सिस्टम और संचालन की जानकारी दी जाएगी।
BMW 330Li M Sport कार भारतीय बाजार के लिए खासतौर पर डिजाइन की गई है, और इसका निर्माण कंपनी के चेन्नई प्लांट में होता है।
यह मॉडल अपनी लग्जरी, स्पेस और परफॉर्मेंस के लिए जाना जाता है, जिसमें 258 hp इंजन, बेहतरीन राइड क्वालिटी और रियर सीट कम्फर्ट मिलता है।
लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 में पारित हुआ और 2014 में लागू किया गया। इसका उद्देश्य सरकारी स्तर पर भ्रष्टाचार की जांच और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
लोकपाल में एक अध्यक्ष और अधिकतम 8 सदस्य होते हैं, जिनमें आधे न्यायिक पृष्ठभूमि से होते हैं।
वर्तमान अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस अजय मणिकराव खानविलकर हैं, जिन्हें फरवरी 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नियुक्त किया था।
हालांकि, लोकपाल को लेकर राजनीतिक हस्तक्षेप और निष्पक्षता पर लगातार सवाल उठते रहे हैं।
2019 से लेकर अब तक इसे स्टाफ की कमी, सीमित बजट और धीमी जांच प्रक्रिया जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि लोकपाल की चयन प्रक्रिया पर सत्तारूढ़ दल का वर्चस्व बना हुआ है, जिससे इसकी स्वतंत्रता प्रभावित होती है।
कई बार लोकपाल के गठन और नियुक्ति में देरी को लेकर भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए गए हैं।
केरल के पथानामथिट्टा जिले में बुधवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का हेलिकॉप्टर उतरते ही गड्ढे में फंस गया। यह घटना राजीव गांधी स्टेडियम में हुई, जहां हेलिपैड को जल्दबाजी में तैयार किया गया था।
स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, कंक्रीट पूरी तरह सूखा नहीं था, जिसके कारण हेलिकॉप्टर के उतरते ही जमीन दब गई और वह एक तरफ झुक गया।
घटनास्थल पर मौजूद पुलिस और अग्निशमन कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए भारतीय वायुसेना के MI-17 हेलिकॉप्टर को धक्का मारकर गड्ढे से बाहर निकाला।
सौभाग्य से, राष्ट्रपति मुर्मू और अन्य अधिकारियों को कोई चोट नहीं आई। इसके बाद उन्होंने बिना देरी किए सड़क मार्ग से सबरीमाला मंदिर की यात्रा जारी रखी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को भगवान अय्यप्पा स्वामी के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में दर्शन किए।
वे इस मंदिर में दर्शन करने वाली देश की पहली महिला राष्ट्रपति बन गई हैं।
इससे पहले, 1970 के दशक में पूर्व राष्ट्रपति वी.वी. गिरी ने इस मंदिर का दौरा किया था।
राष्ट्रपति मुर्मू मंगलवार शाम चार दिवसीय यात्रा पर तिरुवनंतपुरम पहुंचीं।
उनका स्वागत राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने किया।
वे अपने दौरे के दौरान कई कार्यक्रमों में भाग लेंगी —
राज भवन में पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन की प्रतिमा का अनावरण
वर्कला के शिवगिरी मठ में श्री नारायण गुरु महा-समाधि शताब्दी समारोह का उद्घाटन
कोट्टायम के सेंट थॉमस कॉलेज के प्लेटिनम जुबली समारोह में शामिल होना
एर्नाकुलम के सेंट टेरेसा कॉलेज के शताब्दी समारोह में भाग लेकर दौरा समाप्त करना
सबरीमाला मंदिर भगवान अय्यप्पा स्वामी को समर्पित है, जिन्हें भगवान शिव और मोहिनी (भगवान विष्णु का अवतार) का पुत्र माना जाता है।
इसी कारण उन्हें हरिहरपुत्र कहा जाता है — हरि (विष्णु) और हर (शिव) से मिलकर बना यह नाम एकता का प्रतीक है।
यह मंदिर लगभग 800 वर्ष पुराना माना जाता है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
मंदिर की विशेषता यह है कि भक्तों को दर्शन से पहले 41 दिनों का व्रत रखना पड़ता है, जिसमें ब्रह्मचर्य, सादा जीवन और सात्विक भोजन शामिल है।
कई वर्षों तक 10 से 50 वर्ष की महिलाओं का मंदिर में प्रवेश वर्जित था।
2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध को असंवैधानिक घोषित किया, जिसके बाद विरोध प्रदर्शन हुए।
2019 में मामला 7 जजों की बेंच को भेजा गया, और यह मुद्दा आज भी सामाजिक-धार्मिक बहस का विषय है।
1998 में उद्योगपति विजय माल्या ने मंदिर को 30.3 किलो सोना और 1,900 किलो तांबा दान किया था।
हालिया जांच में पाया गया कि इस सोने में से 4.5 किलो सोना गायब हो गया है।
हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की है, जिससे केरल सरकार पर दबाव बढ़ा है।
पुणे के ऐतिहासिक शनिवारवाड़ा परिसर में तीन महिलाओं के नमाज अदा करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। यह वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने तीन अज्ञात महिलाओं के खिलाफ FIR दर्ज की है।
यह घटना शनिवार दोपहर करीब 1:45 बजे की बताई जा रही है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अधिकारी की शिकायत पर AMASR नियम 1959 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वीडियो सामने आने के कुछ घंटों बाद भाजपा सांसद मेधा कुलकर्णी और कई हिंदू संगठनों ने शनिवारवाड़ा के बाहर प्रदर्शन किया।
रविवार को संगठन के सदस्यों ने उस स्थान पर ‘शुद्धिकरण पूजा’ की, जहां महिलाओं ने नमाज अदा की थी। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि शनिवारवाड़ा “हिंदू शौर्य और गौरव का प्रतीक” है, ऐसे में धार्मिक क्रियाएं निर्धारित परंपरा और नियमों के अनुसार ही होनी चाहिए।
इस घटना के बाद पुलिस ने शनिवारवाड़ा परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी है ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति न बने।
महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि शनिवारवाड़ा हिंदू समाज की आस्था और शौर्य से जुड़ा स्थान है।
राणे ने कहा—
“शनिवारवाड़ा का गौरवशाली इतिहास है। यह हिंदू समाज के हृदय के बहुत करीब है। अगर कोई वहां नमाज अदा करता है, तो क्या यह स्वीकार होगा कि हिंदू समुदाय हाजी अली दरगाह में हनुमान चालीसा का पाठ करे?”
उन्होंने आगे कहा—
“प्रार्थना, पूजा या नमाज केवल निर्धारित स्थलों पर ही होनी चाहिए। अगर हिंदू कार्यकर्ताओं ने विरोध किया है, तो वह अनुचित नहीं है।”
शनिवारवाड़ा 18वीं सदी में पेशवा बाजीराव प्रथम द्वारा बनवाया गया था। यह मराठा साम्राज्य के गौरव और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
यह स्थल राष्ट्रीय विरासत में शामिल है
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में है
यहां धार्मिक या राजनीतिक कार्यक्रमों पर पहले से अनुमति जरूरी है
ऐसे में बिना अनुमति धार्मिक गतिविधि करने पर AMASR अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
पुणे पुलिस ने कहा कि FIR दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच जारी है। अभी तक तीनों महिलाओं की पहचान नहीं हो सकी है।
पुलिस के मुताबिक—
“यह मामला प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल एवं अवशेष (AMASR) अधिनियम, 1959 के तहत दर्ज किया गया है। शनिवारवाड़ा परिसर में धार्मिक गतिविधियों की अनुमति नहीं है।”
मथुरा के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में मंगलवार को संत प्रेमानंद महाराज के स्वास्थ्य के लिए विशेष पूजा और भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। पूजा में उनके शिष्य संत महामाधुरी दास, नवल नागरी दास और ब्रजवासी तीर्थ पुरोहित पंडा सभा के करीब 30 सदस्य शामिल हुए।
पूजा का नेतृत्व मंदिर के पुजारी दिनेश गोस्वामी ने किया। सभी ने मिलकर संत प्रेमानंद महाराज के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
मंदिर के पुजारी के अनुसार, पूजा का पहला चरण गर्भगृह में देहरी पूजन था। इसमें संत प्रेमानंद महाराज के शिष्य और मंदिर के पदाधिकारी शामिल हुए।
गर्भगृह की देहरी पर इत्र लगाया गया
मंत्रोच्चार के बीच स्वस्तिक और अन्य धार्मिक चिन्ह बनाए गए
पूजा लगभग 30 मिनट तक चली
इस दौरान शिष्यों ने बांके बिहारी जी के सामने पूजा-अर्चना की और अपने गुरू के स्वास्थ्य के लिए विशेष प्रार्थना की।
देहरी पूजन के बाद शिष्यों ने भजन-कीर्तन किया। उन्होंने केली माल के पदों का गायन किया और राधा नाम का जाप किया।
ब्रजवासी तीर्थ पुरोहित पंडा सभा के पदाधिकारी भी पूजा में उपस्थित रहे। करीब 15 मिनट तक भजन-कीर्तन और जाप के बाद सभी ने संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन किए और उनके स्वस्थ होने की कामना की।
बांके बिहारी मंदिर के पुजारी दिनेश गोस्वामी ने बताया कि संत प्रेमानंद महाराज ब्रज की विभूति हैं और लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं।
संत कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे हैं
उनके शरीर में सूजन देखी गई है
उनका इलाज जारी है
शिष्यों और ब्रजवासियों की चिंता उनके स्वास्थ्य को लेकर बढ़ी हुई है
मंगलवार की सुबह संत प्रेमानंद महाराज को बिरला मंदिर क्षेत्र स्थित एक पैथ लैब में जांच के लिए ले जाया गया। उनके साथ एक डॉक्टर भी मौजूद थे। हालांकि जांच रिपोर्ट और स्वास्थ्य स्थिति के बारे में फिलहाल कोई अपडेट नहीं आया है।
पूजा और भजन-कीर्तन का आयोजन इस उद्देश्य से किया गया कि संत जल्द स्वस्थ होकर अपनी परिक्रमा जारी रखें, ताकि भक्तों को उनके दर्शन और आशीर्वाद मिल सके।
बांके बिहारी मंदिर के पुजारी और शिष्यों का कहना है कि यह प्रयास भक्ति, श्रद्धा और समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलाने के लिए किया गया।
दुनिया की एयरफोर्स पावर रैंकिंग में भारत को तीसरा स्थान मिला है। भारत से आगे सिर्फ अमेरिका और रूस हैं, जबकि चीन चौथे स्थान पर रहा। इस रैंकिंग ने एशिया में रणनीतिक संतुलन पर असर डाला है।
इस रैंकिंग को लेकर चीन का सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स बौखलाया हुआ दिखाई दिया। अखबार ने चीनी मिलिट्री एक्सपर्ट झांग जुन्शे के हवाले से लिखा कि यह रैंकिंग केवल कागजों पर आधारित है और वास्तविक युद्ध क्षमता का आकलन जरूरी है।
भारत के पास कुल 1,716 एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें 31.6% फाइटर जेट्स, 29% हेलिकॉप्टर और 21.8% ट्रेनर एयरक्राफ्ट शामिल हैं।
भारत ने अपने बेड़े को संतुलित, पायलट प्रशिक्षण और क्विक मिशन एक्जीक्यूशन पर जोर दिया है। यही कारण है कि भारत की वायुसेना कई मायनों में चीन से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है, भले ही विमानों की संख्या कम हो।
चीन के पास 3,733 एयरक्राफ्ट हैं, जिनमें 68.7% फाइटर, 24.4% हेलिकॉप्टर और केवल 10.7% ट्रेनर एयरक्राफ्ट हैं।
अधिक लड़ाकू विमान होने के बावजूद, चीन का संतुलन और ऑपरेशनल दक्षता भारत की तुलना में कमजोर मानी गई है। इसके कारण चीन को रैंकिंग में भारत से पीछे रखा गया।
यह रैंकिंग वर्ल्ड डायरेक्टरी ऑफ मॉडर्न मिलिटरी एयरक्राफ्ट (WDMMA) ने बनाई है। इसमें 103 देशों और 129 एयर सर्विसेज को शामिल किया गया।
विमान की उन्नत तकनीक और आधुनिकीकरण
ऑपरेशनल ट्रेनिंग और तैयारी
लॉजिस्टिक सपोर्ट और रखरखाव
घरेलू उत्पादन क्षमता
मिशन विविधता
इस रैंकिंग से पता चलता है कि सिर्फ विमानों की संख्या से एयरफोर्स की ताकत नहीं तय होती, बल्कि संतुलित बेड़ा और ऑपरेशन क्षमता अधिक महत्वपूर्ण है।
ग्लोबल टाइम्स ने इसे केवल कागजों पर आधारित रैंकिंग करार दिया। अखबार ने चेतावनी दी कि अमेरिकी और भारतीय मीडिया की हाइप चीन-भारत प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दे सकती है और गलतफहमी की श्रृंखला शुरू कर सकती है।
ग्लोबल टाइम्स चीन की सरकारी सोच का आइना माना जाता है और यह पीपल्स डेली का हिस्सा है। इसे चीन की विदेश नीति और विचारधारा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पेश करने के लिए स्थापित किया गया था।
दिवाली के मौके पर सोने और चांदी की कीमतों में अचानक गिरावट देखी गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 1,951 रुपए गिरकर 1,27,633 रुपए पर आ गया। इससे पहले 17 अक्टूबर को सोने ने 1,29,584 रुपए का ऑल टाइम हाई बनाया था।
सोने के साथ-साथ चांदी के दाम भी गिरे हैं। एक किलो चांदी का भाव 6,180 रुपए घटकर 1,63,250 रुपए पर आ गया है। चांदी 14 अक्टूबर को 1,78,100 रुपए प्रति किलो के रिकॉर्ड हाई पर पहुंची थी। अब तक चांदी की कीमत में लगभग 18,000 रुपए की गिरावट हो चुकी है।
इस साल सोने और चांदी की कीमतों में तेज़ी देखी गई।
31 दिसंबर 2024: 10 ग्राम 24 कैरेट सोना – 76,162 रुपए
अब: 10 ग्राम 24 कैरेट सोना – 1,27,633 रुपए
इस साल सोने की कीमत में वृद्धि: 51,471 रुपए
31 दिसंबर 2024: 1 किलो चांदी – 86,017 रुपए
अब: 1 किलो चांदी – 1,63,250 रुपए
इस साल चांदी की कीमत में वृद्धि: 77,233 रुपए
सोना खरीदते समय हमेशा BIS हॉलमार्क वाला सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। हॉलमार्क से पता चलता है कि सोना कितने कैरेट का है। उदाहरण के लिए, हॉलमार्क नंबर अल्फान्यूमेरिक फॉर्मेट में होता है जैसे AZ4524।
सोने का सही वजन और भाव कई सोर्सेज (जैसे IBJA की वेबसाइट) से चेक करें। 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट गोल्ड के भाव अलग-अलग होते हैं, इसलिए खरीदते समय ध्यान देना जरूरी है।
दिवाली पर सोना और चांदी सस्ते होने से स्मॉल और लॉन्ग टर्म निवेशक के लिए यह खरीदारी का मौका है।
हालांकि, खरीदते समय सर्टिफाइड और हॉलमार्केड गोल्ड ही प्राथमिकता दें।
बाजार की कीमतों की ताजा जानकारी रखना जरूरी है, क्योंकि सोने-चांदी का भाव रोज बदलता है।
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पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मोहम्मद रिजवान को वनडे टीम की कप्तानी से हटा दिया है। उनकी जगह तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी को नया कप्तान नियुक्त किया गया है।
रिजवान को 10 महीने पहले ही टीम की कमान सौंपी गई थी। PCB ने यह बदलाव रावलपिंडी टेस्ट के पहले दिन के खेल के बाद घोषित किया। इस मैच में रिजवान और शाहीन दोनों ही खेल रहे थे।
पिछले साल नवंबर में वनडे टीम का कप्तान बनाया गया था। उनके नेतृत्व में पाकिस्तान ने 2024 में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में सीरीज जीत हासिल की थी। रिजवान ने खुद भी इन सीरीज में 42 की औसत से रन बनाए।
हालांकि, 2025 में टीम का प्रदर्शन कमजोर रहा और चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में पाकिस्तान पहले ही दौर में बाहर हो गया। PCB ने रिजवान को हटाने की कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई। माना जा रहा है कि यह निर्णय बोर्ड और सेलेक्टर्स की बैठक में लिया गया, जिसमें व्हाइट-बॉल टीम के कोच माइक हेसन भी मौजूद थे।
शाहीन अफरीदी पहले भी पाकिस्तान की व्हाइट-बॉल टीम के कप्तान रह चुके हैं। जनवरी 2024 में उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज में कप्तान बनाया गया था, लेकिन पाकिस्तान को 1-4 से हार का सामना करना पड़ा।
उसके बाद चेयरमैन मोहसिन नकवी ने उन्हें दोबारा कप्तान बनाए रखने से इंकार कर दिया और बाबर आजम को फिर से कप्तान नियुक्त किया गया।
अब शाहीन को कप्तानी का दूसरा मौका मिला है। वे इस समय बेहतरीन फॉर्म में हैं। 2023 वर्ल्ड कप के बाद से अब तक शाहीन ने पाकिस्तान के लिए 45 विकेट लिए हैं, जो किसी भी फुल मेंबर टीम के गेंदबाज में सबसे ज्यादा हैं। पिछले साल भी वे पाकिस्तान के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे।
वनडे कप्तान के रूप में शाहीन की पहली जिम्मेदारी अगले महीने फैसलाबाद में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज होगी। यह उनकी कप्तानी की पहली परीक्षा मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि शाहीन की आक्रामक गेंदबाजी और नेतृत्व क्षमता टीम के लिए सकारात्मक बदलाव ला सकती है। उनका अनुभव और फॉर्म पाकिस्तान की टीम को मजबूत करेगा।
रिजवान की कप्तानी छिनना और शाहीन को नई कमान मिलना पाकिस्तान क्रिकेट के लिए बड़ी खबर है। टीम के प्रदर्शन और रणनीति में बदलाव की उम्मीद है। फैन्स की निगाहें शाहीन के पहले सीरीज नेतृत्व पर टिकी होंगी।
PCB का यह निर्णय टीम में नए जोश और अनुभव के संतुलन को बनाए रखने की कोशिश माना जा रहा है।
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले मैच में चोट के कारण नहीं खेल पाएंगी। हीली शनिवार को प्रैक्टिस सेशन के दौरान मांसपेशियों में खिंचाव की चोटिल हो गई थीं।
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड (CA) ने मंगलवार को बयान जारी कर बताया कि उनकी फिटनेस पर निगरानी रखी जाएगी। 25 अक्टूबर को होने वाले साउथ अफ्रीका के खिलाफ अंतिम लीग मैच से हीली की वापसी का आकलन किया जाएगा।
हीली की गैरमौजूदगी में वाइस-कैप्टन तहलिया मैक्ग्रा टीम की कमान संभालेंगी। वहीं बेथ मूनी विकेटकीपर की भूमिका निभाएंगी।
हीली की जगह टीम में जॉर्जिया वॉल को शामिल किए जाने की संभावना है। वॉल ने पिछले साल दिसंबर में हीली की जगह डेब्यू किया था और अब तक 5 मैचों में एक शतक और एक अर्धशतक जड़ा है।
सोमवार को हीली ने नेट्स में लंबा बल्लेबाजी सेशन किया था और उम्मीद है कि वे फीबी लिचफील्ड के साथ ओपनिंग करेंगी।
ऑस्ट्रेलिया विमेंस वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन कर रही है। टीम ने 5 में से 4 मैच जीतकर सेमीफाइनल में सबसे पहले क्वालिफाई किया। इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका भी अंतिम चार में जगह बना चुके हैं।
हीली का बाहर होना टीम के लिए चिंता का विषय नहीं है, लेकिन उनके हालिया फॉर्म को देखते हुए ऑस्ट्रेलिया चाहेगा कि वे सेमीफाइनल से पहले पूरी तरह फिट होकर लौटें।
इस वर्ल्ड कप में एलिसा हीली ने भारत के खिलाफ 142 रन (107 गेंद) और बांग्लादेश के खिलाफ 113 रन (77 गेंद) की नाबाद पारी खेली थी।
हीली और फीबी लिचफील्ड ने बांग्लादेश के खिलाफ 202 रनों की साझेदारी की थी, जो टीम की जीत में महत्वपूर्ण रही। इससे पहले वे न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के खिलाफ मात्र 19 और 20 रन ही बना पाई थीं।
हीली पिछले साल टी-20 वर्ल्ड कप में भी चोटिल हो गई थीं। उनकी वजह से भारत के खिलाफ आखिरी ग्रुप मैच और साउथ अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल से बाहर रहना पड़ा था।
घुटने और पैर की समस्याओं के कारण उन्होंने 2024-25 सीजन में ज्यादातर समय मैदान से बाहर बिताया। इसके बाद उन्होंने अगस्त में वापसी की और इंडिया A के खिलाफ 6 व्हाइट-बॉल मैच में ऑस्ट्रेलिया ए के लिए खेलीं। इसके बाद उन्हें वर्ल्ड कप स्क्वॉड में जगह मिली।
इंदौर के होलकर स्टेडियम में कल होने वाले मैच में ऑस्ट्रेलिया टीम पंजीकृत बदलाव के साथ उतरेगी। फैन्स उम्मीद कर रहे हैं कि हीली जल्दी फिट होकर टीम में लौटेंगी और सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया की मजबूती बढ़ाएँगी।
वाइस-कैप्टन तहलिया मैक्ग्रा की कप्तानी में टीम का प्रदर्शन टीम को क्वालिफिकेशन में आगे बढ़ा सकता है। हीली की चोट से बाहर रहना टीम के लिए चुनौती जरूर है, लेकिन युवा खिलाड़ियों को अवसर भी मिलेगा।
जर्मनी की दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को बैड ड्यूरखाइम की मानद नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव पर 29 अक्टूबर को निर्णय लिया जाएगा।
AfD के लोकल नेता थॉमस स्टीफन ने कहा कि ट्रम्प ने इजराइल-गाजा विवाद को हल करने में और 8 जर्मन बंधकों को छुड़ाने में मदद की, इसलिए उन्हें यह सम्मान मिलना चाहिए।
ट्रम्प के दादा फ्रेडरिक ट्रम्प जर्मनी के छोटे गांव काल्स्टाट के रहने वाले थे और पेशे से नाई थे। फ्रेडरिक ने 16 साल की उम्र में जर्मनी छोड़कर अमेरिका में बसने का फैसला किया। उनके बाद परिवार अमेरिका में बस गया और व्यवसायिक सफलता हासिल की।
फ्रेडरिक ने न्यूयॉर्क में नाई की दुकान खोली और अलास्का की सोने की खानों में निवेश करके अमीर बन गए। उनके बेटे फ्रेड ट्रम्प ने रियल एस्टेट में अपने कारोबार को बढ़ाया और ट्रम्प एम्पायर की नींव रखी।
AfD ने यह प्रस्ताव डिस्ट्रिक काउंसिल में रखा है। डिस्ट्रिक एडमिनिस्ट्रेटर हंस-उलरिच ने कहा कि मानद नागरिकता देने से पहले नियमों पर चर्चा होना जरूरी है। जर्मनी में मानद नागरिकता केवल विशेष योगदान करने वाले लोगों को दी जाती है, इसलिए ट्रम्प को यह सम्मान देना विवादास्पद हो सकता है।
कई लोग मानते हैं कि यह प्रस्ताव केवल दिखावटी है और इसे पारित करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन ट्रम्प का इस क्षेत्र से पुराना रिश्ता और उनके योगदान ने इसे चर्चा का विषय बना दिया है।
फ्रेडरिक ट्रम्प का बचपन मुश्किलों भरा था। उनके पिता का देहांत आठ साल की उम्र में हो गया। उन्होंने नाई का पेशा सीखा और 16 साल की उम्र में जर्मनी के सख्त सैन्य कानून से बचने के लिए अमेरिका का रुख किया।
अक्टूबर 1885 में उन्होंने अमेरिका में कदम रखा। न्यूयॉर्क में नाई की दुकान खोली और बाद में अलास्का की सोने की खदानों में निवेश किया। फ्रेडरिक की मेहनत और दूरदर्शिता ने परिवार को व्यवसाय में सफलता दिलाई और ट्रम्प एम्पायर की नींव रखी।
डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने कार्यकाल के दौरान इजराइल-गाजा संघर्ष को हल करने में मदद की और कुछ बंधकों को मुक्त कराने में भी योगदान दिया। यही कारण है कि जर्मनी की AfD पार्टी उन्हें मानद नागरिकता देने की बात कर रही है।
हालांकि, ट्रम्प की इस मानद नागरिकता को लेकर राजनीतिक और कानूनी बहस संभव है। कई लोग इसे सिर्फ राजनीतिक संकेत मान रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए ‘देश के नाम पत्र’ जारी किया। उन्होंने अयोध्या के भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद यह दूसरी दीपावली होने का उल्लेख किया और भगवान श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेने पर जोर दिया।
मोदी ने कहा कि राम हमें धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया और बताया कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर किया।
प्रधानमंत्री ने देश के दूरदराज के क्षेत्रों में नक्सलवाद और माओवादी आतंकवाद को खत्म करने को एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। मोदी ने कहा कि इस दीपावली पर इन क्षेत्रों में पहली बार दीप जलाए जाएंगे, जो शांति और विकास का प्रतीक हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कई लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं और भारतीय संविधान में विश्वास जता रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में शुरू हुए अगली पीढ़ी के सुधारों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि नवरात्रि के पहले दिन कम जीएसटी दरें लागू की गईं, जिससे ‘जीएसटी बचत उत्सव’ के माध्यम से देशवासियों को हजारों करोड़ रुपए की बचत हो रही है।
मोदी ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे प्रयास भी देश को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।
मोदी ने गोवा में INS विक्रांत पर नौसैनिकों के बीच दिवाली मनाई। उन्होंने कहा कि विक्रांत आत्मनिर्भर भारत और मेड इन इंडिया का प्रतीक है। इसने पाकिस्तान की रातों की नींद उड़ा दी और भारतीय सैन्य क्षमता को दिखाया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय नौसेना, वायुसेना और थलसेना के समन्वय ने पाकिस्तान को जल्दी घुटने टेकने पर मजबूर किया।
मोदी ने कहा कि 2014 से पहले लगभग 125 जिले माओवादी हिंसा की चपेट में थे। अब केवल 11 जिले प्रभावित हैं, और 100 से अधिक जिले आतंक से मुक्त होकर पहली बार खुली हवा में दीप जलाने का आनंद ले रहे हैं।
मोदी ने नागरिकों से कहा कि स्वदेशी अपनाएं, एकता बनाए रखें, स्वच्छता और स्वास्थ्य का ध्यान रखें, योग को जीवन का हिस्सा बनाएं और तेल का उपयोग कम करें। उन्होंने कहा कि दीपावली हमें यह भी सिखाती है कि जब एक दीपक दूसरे को जलाता है, तो प्रकाश बढ़ता है, कम नहीं होता।
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को INS विक्रांत पहुंचे और नौसैनिकों के बीच दिवाली मनाई। उन्होंने गाना गाया, मिठाई खिलाई और डिनर किया। यह उनकी 12वीं दिवाली है जो उन्होंने जवानों के साथ मनाई।