झालावाड़, 13 अक्टूबर।
जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ ने सोमवार को मिनी सचिवालय सभागार में आवश्यक सेवाओं की साप्ताहिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करना रहा।
जिला कलक्टर ने सभी विभागीय अधिकारियों से कहा कि आपसी समन्वय बनाते हुए विकास कार्यों और योजनाओं में गति और गुणवत्ता लाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रत्येक योजना का लाभ पात्र नागरिकों तक पहुंचना चाहिए और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दीपावली जैसे बड़े पर्व को देखते हुए जिला कलक्टर ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल, विद्युत और स्वच्छता व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन को पहले से तैयार रहना होगा।
कलक्टर ने सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण को गंभीरता से लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता को संतुष्ट करना ही प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
राजकीय विद्यालयों के जर्जर भवनों को लेकर कलक्टर ने निर्देश दिए कि इन्हें शीघ्र जमींदोज किया जाए और वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। नियमित मॉनिटरिंग की भी आवश्यकता बताई गई।
सार्वजनिक निर्माण विभाग को निर्देश दिए गए कि बरसात के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़कों की मरम्मत कार्य में तेजी लाई जाए ताकि आवागमन में बाधा न आए।
जिला कलक्टर ने समस्त राजकीय कार्यालयों की साफ-सफाई और पुराने रिकॉर्ड के निस्तारण की प्रक्रिया जल्द पूरी करने के निर्देश दिए। यह काम नियमित रूप से निरीक्षण द्वारा सुनिश्चित किया जाए।
मौसमी बीमारियों को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया कि मेडिकल स्टाफ को सक्रिय रखें और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु त्योहारी सीजन में अधिक से अधिक सैंपल लिए जाएं और मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई हो।
महिला एवं बाल विकास विभाग को लाडो योजना के लक्ष्यों में वृद्धि लाने के निर्देश दिए गए। नगर परिषद को ऋण आवेदनों की संख्या बढ़ाने और बैंकर्स के साथ समन्वय बैठकों द्वारा निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा गया।
जिला प्रशासन ने शुद्ध और ताजा मिठाइयों को उचित दरों पर उपलब्ध कराने की पहल की है। विभिन्न स्थानों पर काउंटर लगाकर सरस घी से बनी मिठाइयां बेची जा रही हैं, जो बाजार से कम दर पर मिल रही हैं।
बैठक के अंत में जिला कलक्टर ने कहा कि सभी विभाग अपनी-अपनी योजनाओं में निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार प्रगति लाएं। पंच गौरव से संबंधित रिपोर्ट भी शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए।
झालावाड़ जिला प्रशासन, जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ के नेतृत्व में सभी विकास योजनाओं को तेजी और पारदर्शिता के साथ लागू करने की दिशा में कार्यरत है। त्योहारी सीजन के मद्देनजर की गई यह समीक्षा बैठक प्रशासन की जन-कल्याण की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
संवाददाता रमेश चंद्र शर्मा
भिवाड़ी (राजस्थान) – जयपुर रेंज के आईजी और पुलिस अधीक्षक प्रशांत किरण के निर्देशन में भिवाड़ी साइबर पुलिस ने एक ऐसा ऑपरेशन अंजाम दिया है, जो साइबर ठगी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
टीम ने दिल्ली के कांती नगर से उत्तर प्रदेश निवासी अंकित शर्मा (33) को गिरफ्तार किया है, जो कमीशन पर बैंक खाते बेचने वाला ‘खाता सौदागर’ निकला।
पुलिस ने आरोपी के कब्जे से भारी मात्रा में सबूत जब्त किए हैं:
38 बैंक खातों की चेकबुक
4 पासबुक
20 एटीएम कार्ड
8 क्यूआर कोड
1 स्वाइप मशीन
9 मोबाइल फोन
9 रबर मुहर
1 इंकपैड
₹2.50 लाख नकद राशि
इन सभी का इस्तेमाल देशभर में फैली साइबर ठगी के नेटवर्क में किया जा रहा था।
पुलिस जांच में सामने आया कि इन खातों का इस्तेमाल 1930 एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज 183 साइबर क्राइम शिकायतों में किया गया था।
इन खातों के जरिए अब तक ₹122 करोड़ 21 लाख 59 हजार 57 रुपये की ठगी हो चुकी है।
इस नेटवर्क से जुड़े दो अन्य आरोपी राशिद और अजमत को पहले ही गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से:
11 चेकबुक
4 एटीएम कार्ड
4 क्यूआर कोड
1 स्वाइप मशीन
5 मोबाइल बरामद हुए थे
इनके खातों से जुड़े 96 मामलों में ₹61 करोड़ की ठगी सामने आई थी।
इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया:
एसपी प्रशांत किरण
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अतुल साहू
वृताधिकारी जयसिंह आरपीएस
साइबर थाने की विशेष टीम द्वारा
टीम में कांस्टेबल आशीष, संदीप, मुकेश, रजत शर्मा और मंजीत की भूमिका को विशेष रूप से सराहा गया है।
इस ऑपरेशन ने एक महत्वपूर्ण सच्चाई उजागर की है — जो लोग पहले बैंक खाता बेचते थे, वे अब सीधे साइबर अपराधी नेटवर्क का हिस्सा बन चुके हैं।
इन्हें सिर्फ खाता बेचने वाला नहीं, बल्कि साइबर क्राइम माफिया का सहयोगी माना जा
भिवाड़ी पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ राजस्थान, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है —
“डिजिटल अपराध की राह अब सुरक्षित नहीं!”
राजस्थान पुलिस की साइबर सेल की यह अब तक की सबसे बड़ी और तकनीकी रूप से सफल ऑपरेशन मानी जा रही है।
भिवाड़ी साइबर थाना की तेज़, सटीक और सूझबूझ भरी इस कार्रवाई ने यह सिद्ध कर दिया है कि अब साइबर ठगों के लिए भारत में सुरक्षित छिपना संभव नहीं।
राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे डिजिटल इंडिया मिशन को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने में इस तरह के ऑपरेशन मील का पत्थर साबित होंगे।
संवाददाता मुकेश कुमार शर्मा
जैतारण-ब्यावर क्षेत्र के आनंदपुर कालू पुलिस थाना परिसर में नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन और जागरूकता के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य आम नागरिकों को नए कानूनों की विशेषताओं, बदलावों और उनके अधिकारों की सही जानकारी देना था।
इस जागरूकता कार्यक्रम की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह रही कि इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिया गया संबोधन भी दिखाया गया।
इस संबोधन में गृह मंत्री ने नए आपराधिक कानूनों की संरचना, उद्देश्य और लाभों पर विस्तार से जानकारी दी।
प्रदर्शनी और संबोधन के माध्यम से यह बताया गया कि:
भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम को अब नए कानूनों से प्रतिस्थापित किया गया है।
नए कानूनों में 358 धाराएं हैं, जो पहले से अधिक प्रभावी, सरल और पीड़ित केंद्रित हैं।
FIR दर्ज करना, जांच प्रक्रिया और सुनवाई अब समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से की जाएगी।
ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से पुलिस व न्याय प्रणाली अधिक जवाबदेह होगी।
इस कार्यक्रम में क्षेत्र के अनेक गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही। उपस्थित लोगों में शामिल थे:
थाना अधिकारी विजय सिंह
CLG सदस्य
पुलिस मित्र
सुरक्षा सखी
स्थानीय मीडियाकर्मी
ग्राम के गणमान्य नागरिक
थाना स्टाफ एवं पुलिसकर्मी
सभी ने नए कानूनों की जानकारी को समाज के लिए सकारात्मक बदलाव बताते हुए कानूनों का पालन करने का संकल्प लिया।
थाना अधिकारी विजय सिंह ने बताया कि नए कानून सिर्फ दंडात्मक नहीं, बल्कि सुधारात्मक भी हैं।
उन्होंने आमजन से कानून का सम्मान करने, अवैध गतिविधियों की सूचना देने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग की अपील की।
इस कार्यक्रम में प्रदर्शित सामग्री को डिजिटल माध्यमों से भी उपलब्ध कराया गया ताकि जो लोग मौके पर उपस्थित नहीं हो सके, वे भी जानकारी प्राप्त कर सकें।
यह पहल दर्शाती है कि पुलिस प्रशासन तकनीक के माध्यम से भी कानून को जन-जन तक पहुंचाने में जुटा है।
रायसिंहनगर (श्रीगंगानगर) से संवाददाता नरेश गोयल की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस थाना परिसर में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य था – देशभर में लागू किए गए नए आपराधिक कानूनों के बारे में आमजन को विस्तार से जानकारी देना और उनमें कानूनी समझ विकसित करना।
इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि इसका लाइव प्रसारण क्षेत्र के नागरिकों तक सीधे पहुंचाया गया, ताकि अधिक से अधिक लोग इस पहल का लाभ उठा सकें।
कार्यक्रम के दौरान गृह मंत्री अमित शाह का लाइव संबोधन भी दिखाया गया, जिसमें उन्होंने नए कानूनों के उद्देश्य, लाभ और उनके प्रभावी क्रियान्वयन पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएसपी अनु बिश्नोई ने की। उनके साथ मंच पर थाना प्रभारी कलावती चौधरी, सीएलजी (CLG) सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ता, और क्षेत्र के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
इन सभी ने अपने-अपने विचार साझा करते हुए नए कानूनों को समाज के हित में एक सकारात्मक पहल बताया।
जागरूकता कार्यक्रम में बताया गया कि:
अब भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून लागू किए गए हैं।
इनमें 358 धाराएं हैं, जो पहले की 511 धाराओं की तुलना में कम लेकिन अधिक प्रभावी हैं।
ऑनलाइन FIR, समयबद्ध ट्रायल, और पीड़ित-केंद्रित प्रक्रिया जैसे सुधार शामिल हैं।
कार्यक्रम में स्थानीय लोगों, युवाओं, वकीलों और शिक्षकों ने भाग लेकर यह दर्शाया कि समाज इन बदलावों को लेकर गंभीर और सजग है।
सीएलजी सदस्यों ने कहा कि इस प्रकार की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाई जानी चाहिए ताकि हर नागरिक अपने अधिकारों और कानूनों के प्रति जागरूक हो सके।
डीएसपी अनु बिश्नोई ने कहा कि नए आपराधिक कानूनों का उद्देश्य न केवल अपराध नियंत्रण है, बल्कि यह न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी और पीड़ित-केंद्रित बनाना भी है।
उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि वे कानूनों का पालन करें और अपने समुदाय में जागरूकता फैलाने में सहयोग करें।
रायसिंहनगर पुलिस की यह पहल इस बात का उदाहरण है कि कानूनों के बारे में जानकारी देना और जन-सहभागिता को प्रोत्साहित करना समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में कितना प्रभावशाली हो सकता है।
इस कार्यक्रम ने पुलिस और आमजन के बीच विश्वास और संवाद को भी मजबूत किया है।
संवाददाता नरेश गोयल
देशभर में हाल ही में लागू हुए नए आपराधिक कानूनों की जानकारी को आम नागरिकों तक प्रभावी तरीके से पहुंचाने के उद्देश्य से, आज जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की ओर से एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम व्यापार मंडल, अनूपगढ़ में संपन्न हुआ, जहां बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया।
प्रदर्शनी की सबसे खास बात यह रही कि इसमें नए कानूनों को डिजिटल डिस्प्ले, इन्फोग्राफिक्स और लाइव डेमो के जरिए बेहद सरल और सहज भाषा में समझाया गया।
लोगों को बताया गया कि कैसे नए कानून पुराने भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC), और साक्ष्य अधिनियम की जगह लाकर समयबद्ध न्याय, ऑनलाइन रिपोर्टिंग और पीड़ित केंद्रित प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं।
इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों, वकीलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की विशेष भागीदारी देखने को मिली।
कई छात्र-छात्राओं ने कानून में हुए तकनीकी और प्रायोगिक बदलावों को समझने के लिए विस्तार से सवाल पूछे।
वकीलों ने नए कानूनों के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए इसे न्यायिक प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम बताया।
इस अवसर पर प्रशासन और पुलिस विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख हैं:
एडिशनल एसपी सुरेंद्र कुमार
डीवाईएसपी प्रशांत कौशिक
एसएचओ ईश्वर जांगिड़
बार संघ अध्यक्ष रमेश सारस्वत
समाजसेवी एवं भामाशाह मोहित छाबड़ा
इन सभी ने आमजन को संबोधित करते हुए नए आपराधिक कानूनों के उद्देश्यों, लाभों और व्यवहारिक पहलुओं पर प्रकाश डाला। साथ ही, लोगों से कानून के पालन और जागरूकता फैलाने में सहयोग की अपील की।
प्रदर्शनी स्थल पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिसमें आम नागरिकों के अलावा बड़ी संख्या में स्कूली और कॉलेज के छात्र, अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता और व्यापारी शामिल रहे।
लोगों ने स्टॉल्स पर जाकर इंटरएक्टिव माध्यमों से जानकारी प्राप्त की, और कानूनों के बारे में लिखित सामग्री भी प्राप्त की।
यह आयोजन न केवल कानूनी जानकारी का सशक्त माध्यम साबित हुआ, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि यदि सही तरीके से जानकारी दी जाए, तो लोग कानून की बारीकियों को समझने में रुचि लेते हैं।
नए कानूनों में दिए गए ऑनलाइन FIR दर्ज करने, त्वरित सुनवाई, और महिला सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों को लेकर लोगों ने विशेष रुचि दिखाई।
अनूपगढ़ में आयोजित यह विशेष प्रदर्शनी न केवल एक जागरूकता अभियान थी, बल्कि यह नागरिक सहभागिता और पुलिस के बीच विश्वास निर्माण का भी प्रतीक बनी।
जिला प्रशासन और पुलिस की यह पहल निश्चित रूप से अन्य जिलों के लिए एक मॉडल कार्यक्रम के रूप में देखी जा सकती है।
संवाददाता गोपी राम
लाम्बा हरि सिंह नगर पालिका क्षेत्र के पुलिस थाने में हाल ही में एक महत्वपूर्ण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य नए आपराधिक कानूनों के बारे में आम नागरिकों, शांति समिति सदस्यों, सुरक्षा सखियों और सामाजिक संगठनों को जानकारी देना और जागरूक करना था।
कार्यक्रम के दौरान थाना अधिकारी राजकुमार बिरला ने बताया कि देश में आपराधिक कानूनों में बड़े स्तर पर बदलाव किए गए हैं। पुराने कानून की 511 धाराओं को घटाकर अब 358 धाराएँ कर दी गई हैं। इससे न केवल कानून प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, बल्कि न्याय व्यवस्था को भी अधिक पारदर्शी और प्रभावी किया गया है।
नए कानूनों के तहत अब:
FIR, बयान और रिपोर्टों को ऑनलाइन दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध है।
इससे पुलिस और पीड़ित दोनों के लिए प्रक्रिया आसान और तेज हो जाती है।
पारदर्शिता को बढ़ावा मिलता है और शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित होती है।
एक महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब सभी मुकदमों को निर्धारित समय सीमा में निपटाने का प्रावधान किया गया है। इससे पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिल सकेगा और मामलों के लंबित रहने की समस्या को भी दूर किया जा सकेगा।
वीसी के दौरान पुलिस ने सभी प्रतिभागियों को महिला सुरक्षा, साइबर अपराध, और कानून के दुरुपयोग से बचने की विशेष सलाह दी। सुरक्षा सखियों और सामाजिक संगठनों से अनुरोध किया गया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इन मुद्दों पर जागरूकता फैलाएं।
पुलिस विभाग ने उपस्थित सभी लोगों से अपील की कि वे नए कानूनों के पालन में सक्रिय सहयोग करें। कानून व्यवस्था बनाए रखने में नागरिकों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही यह भी बताया गया कि जनहित में किए गए ये परिवर्तन न्याय प्रणाली को अधिक जनोन्मुखी और सशक्त बनाएंगे।
थाना अधिकारी ने जानकारी दी कि आगे भी इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन विभिन्न वार्डों और ग्राम पंचायतों में किया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें और कानून के प्रति उनकी समझ बढ़े।
लाम्बा हरि सिंह क्षेत्र में आयोजित यह जागरूकता वीडियो कॉन्फ्रेंस न सिर्फ एक सूचना देने वाला कार्यक्रम था, बल्कि यह पुलिस और आम जनता के बीच विश्वास बढ़ाने का माध्यम भी बना। नए आपराधिक कानूनों की जानकारी से नागरिक अधिक जागरूक हुए और उन्हें अपने अधिकारों व कर्तव्यों की स्पष्ट समझ मिली।
संवाददाता मनीष टेलर