“राजेश कुमारी एक समर्पित और समाजसेवी महिला हैं, जिन्होंने हमेशा समाज के उत्थान के लिए काम किया है। उनकी नियुक्ति से जिले में संगठन और मजबूत होगा।”
“हमारे समाज के लिए यह गर्व का क्षण है। अब महिलाओं को समाज में और बेहतर मंच मिलेगा।”
“मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे मैं पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाऊंगी। समाज के हर वर्ग की आवाज़ को बुलंद करना और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना मेरा प्रमुख लक्ष्य रहेगा।”
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ग्रहों की चाल आज सभी राशियों के लिए नई ऊर्जा लेकर आई है। शुभ कार्यों की शुरुआत के लिए उत्तम दिन है। आज के दिन किसी को अपमानित न करें और सकारात्मक सोच बनाए रखें।
लाम्बाहरिसिंह: मोरला रोड सहित शहर की कई सड़कों पर कचरे के ढेर देखने को मिल रहे हैं। शहरवासियों का कहना है कि लोग सड़क किनारे कचरा फेंकते हैं, लेकिन नगर पालिका समय पर सफाई नहीं करवा रही है। इस वजह से शहर की मुख्य सड़कों पर गंदगी फैली हुई है और आमजन की परेशानी बढ़ रही है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि मोरला रोड और आसपास के इलाकों में कचरे के ढेर बढ़ते जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि नगर पालिका की सफाई टीम समय पर क्षेत्र में नहीं आती। दीपावली का त्यौहारी सीजन होने के बावजूद सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं किया गया है।
स्थानीय निवासी राधेश्याम शर्मा ने कहा, “सड़कों पर कचरा देखकर शहर की सुंदरता खराब हो रही है। नगर पालिका को समय रहते सफाई करनी चाहिए।”
सफाई अभियान नियमित रूप से चलाया जाता है। लेकिन हालात से यह स्पष्ट है कि सफाई अभियान पर्याप्त नहीं है। दीपावली जैसे अवसरों पर विशेष सफाई की योजना बनाना आवश्यक है ताकि शहरवासियों को सुविधा मिल सके।
नगर पालिका अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हम प्रयासरत हैं कि मोरला रोड और अन्य मुख्य सड़कों पर सफाई टीम को भेजा जाए, लेकिन कुछ इलाकों में कचरा फेंकने की आदत के कारण समस्या बढ़ जाती है।”
विशेषज्ञों का कहना है कि शहर में कचरा प्रबंधन के लिए सख्त निगरानी और जागरूकता अभियान जरूरी है। इसके अंतर्गत:
स्मार्ट कचरा बिन लगाना ताकि लोग सड़कों पर कचरा न फेंकें।
साप्ताहिक कचरा उठाने का शेड्यूल बनाना।
नगर पालिका द्वारा सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना।
जन जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को कचरा सड़क पर न फेंकने के लिए प्रेरित करना।
लाम्बाहरिसिंह शहर में सड़कों पर फैला कचरा नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। दीपावली के पर्व के दौरान सफाई व्यवस्था में सुधार न होने से न केवल शहरवासियों को परेशानी होती है बल्कि पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर पालिका को तत्काल प्रभावी कदम उठाने होंगे और शहरवासियों की शिकायतों पर ध्यान देना होगा। तभी शहर की सड़कों की सुंदरता और स्वच्छता सुनिश्चित हो सकेगी।
संवाददाता मुकेश कुमार माली
जैतारण, आनंदपुर कालू: विजयदशमी के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में जैतारण उपखंड आनंदपुर कालू में भव्य पथ संचलन और शस्त्र पूजन का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया और ग्रामीणों ने उन्हें पुष्प वर्षा करके सम्मानित किया।
महात्मा गांधी गर्ल्स स्कूल से प्रारंभ हुए पथ संचलन का उद्घाटन रामद्वारा संत नानक राम महाराज की सानिध्य में किया गया।
स्वयंसेवकों ने शस्त्र पूजन कर अपने कर्तव्यों और संगठन के प्रति समर्पण का संदेश दिया। पथ संचलन का मार्ग पुराना पुलिस थाना, भंडार पुरा चौक, लक्ष्मी नारायण मंदिर, सब्जी मंडी, कूम्हारो का मोहल्ला, धड़ो का बास से होकर फिर स्कूल प्रांगण में संपन्न हुआ।
स्वयंसेवकों का स्वागत ग्रामीणों द्वारा जगह-जगह पुष्प वर्षा के माध्यम से किया गया।
इस अवसर पर जिला कार्यवाहक रामलाल और खंड कार्यवाहक सुखदेव ने स्वयंसेवकों को संघ के शताब्दी वर्ष के महत्व के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि यह केवल 100 वर्ष की संगठन यात्रा नहीं है, बल्कि यह समाज में संकल्प, एकता और शक्ति जागरण का पर्व है।
कार्यक्रम के दौरान स्वयंसेवकों को संघ के शताब्दी वर्ष के पांच प्रमुख संकल्प के बारे में जानकारी दी गई:
सामाजिक जागरण – समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता बढ़ाना।
समर्थ और स्वालंबन – आत्मनिर्भरता और समुदाय के सहयोग को प्रोत्साहित करना।
परिवार प्रबोधन – परिवार में सामंजस्य और सामाजिक मूल्यों का संवर्धन।
पर्यावरण संरक्षण – प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और इको-फ्रेंडली जीवन शैली अपनाना।
राष्ट्रीय जागरण – देशभक्ति और राष्ट्रीय चेतना का विकास।
इस भव्य पथ संचलन को पुलिस प्रशासन की निगरानी में सुरक्षित तरीके से निकाला गया। कार्यक्रम के दौरान किसी प्रकार की बाधा नहीं आई और स्वयंसेवक एवं ग्रामीण आनंदपूर्वक इस आयोजन में भाग लिए।
जैतारण उपखंड आनंदपुर कालू में आयोजित यह पथ संचलन और शस्त्र पूजन कार्यक्रम संघ के शताब्दी वर्ष की धरोहर और संदेश को जीवंत करता है।
ग्रामीणों की सहभागिता, पुष्प वर्षा और पुलिस प्रशासन की सक्रिय निगरानी ने इसे सुरक्षित और भव्य आयोजन बनाया। यह कार्यक्रम समाज में संकल्प, सेवा, एकता और राष्ट्रभक्ति के संदेश को और अधिक सशक्त बनाता है।
संवाददाता जितेंद्र कुमार शर्मा
मांगरोल: आज दिनांक 12 अक्टूबर 2025 (रविवार) को बाबा मोहन राम की 131वीं परिक्रमा का आयोजन शहर में भारत विकास परिषद के तत्वाधान में मनमोहक तरीके से संपन्न हुआ। इस आयोजन में स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
परिक्रमा में भारत विकास परिषद के केंद्रीय पर्यावरण सदस्य श्री संजीव अग्रवाल ने उपस्थित श्रद्धालुओं को चाइनीज लड्डू का बहिष्कार करने और मिट्टी के दीयों का प्रयोग करने का आह्वान किया। इसका उद्देश्य देश में पैसा और संसाधनों को बनाए रखना और पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखना बताया गया।
साथ ही उन्होंने कहा कि दिवाली केवल एक दिन का पर्व नहीं है, बल्कि यह पांच पर्वों का संयुक्त उत्सव है। इस परिक्षेप में प्रत्येक व्यक्ति को पांच वृक्ष अवश्य लगाने और संजीवनी वटवृक्ष की पूजा करने की सलाह दी गई।
परिक्रमा के दौरान भारत विकास परिषद के नीरज झलानी ने भिवाड़ी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए कपड़े के थैले वितरित किए और सभी से इको-फ्रेंडली पाटा चलाने का आह्वान किया।
जिन श्रद्धालुओं का जन्मदिन परिक्रमा में था, उन्हें विशेष शुभकामनाएं दी गई।
परिक्रमा में प्रदीप भेड़ी, शिवकुमार अग्रवाल और अन्नपूर्णा भंडार द्वारा चाय, पकोड़े और शिकंजी का सुंदर आयोजन किया गया।
परिक्रमा समाप्त होने के बाद मोहन वाटिका में भंडारा आयोजित किया गया, जिसमें सभी भक्तों और ग्रामीणों ने भाग लिया।
परिक्रमा में बाबा मोहन राम जागृति मंडल ने विशेष सहयोग प्रदान किया।
इस अवसर पर उपस्थित रहे —
सरिता श्रीवास्तव (अध्यक्ष रोटरी शक्ति क्लब), विमल पंडित, निशि पंडित, अजय श्रीवास्तव, आर. के. भारद्वाज, रमेश सिंगला, अजय तौमर, अशोक कुमार, सुधीर कुमार, राजकुमार सैनी, विद्या गुसाई, धर्मवीर यादव, अवधेश यादव, कृष्णा, के. के. झा, अनुप श्रीवास्तव, बृजेश गुप्ता, सविता सिंघल, नेहा गुप्ता, स्वाति गुप्ता, मंडल महिला प्रमुख साधना यादव, अनीता, पूनम शर्मा, पूजा, सत्यनारायण शर्मा, हरिप्रसाद गुप्ता, महेंद्र गुप्ता, अशोक कोशिश, हेमंत जोशी, कमलेश झा एवं शहर के अन्य कई श्रद्धालु।
बाबा मोहन राम की यह 131वीं परिक्रमा न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही, बल्कि इसमें पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक जागरूकता और सामुदायिक सहयोग का संदेश भी स्पष्ट रूप से देखने को मिला।
श्रद्धालुओं ने उत्साह और अनुशासन के साथ परिक्रमा में भाग लिया और मिट्टी के दीयों और भंडारे के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव का संदेश भी फैलाया।
संवाददाता मुकेश शर्मा।
मांगरोल : मांगरोल तहसील का डाकघर इस समय अपनी सबसे खराब स्थिति में पहुंच चुका है। करीब 20 साल पुराने इस भवन में मेंटेनेंस के अभाव के कारण दीवारों पर दरारें पड़ गई हैं और छत से पानी टपकना आम बात हो गई है। बारिश के मौसम में तो पूरा डाकघर किसी तालाब की तरह नजर आता है, जिससे कर्मचारी और आने वाले लोग दोनों ही परेशान हैं।
स्थानीय कर्मचारियों के अनुसार, डाकघर भवन का निर्माण लगभग दो दशक पहले हुआ था। समय-समय पर इसकी मरम्मत के लिए विभाग को कई बार शिकायतें भेजी गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
भवन की छत से बारिश का पानी टपकने के कारण दस्तावेज, पत्र और फाइलें भीग जाती हैं, जिससे कई बार डाक सामग्री खराब हो जाती है।
मौसम बदलते ही डाकघर का भवन अपनी जर्जरता खुद बयान करता है। छत से प्लास्टर के टुकड़े गिरना, दीवारों पर नमी और फफूंदी जमना अब सामान्य बात हो चुकी है।
कर्मचारियों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में कई बार छत से पानी टपकने की वजह से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी खराब हो चुके हैं।
डाकघर में कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि वे हर दिन अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं।
एक कर्मचारी ने बताया —
“हम कई बार उच्च अधिकारियों को भवन की मरम्मत के लिए आवेदन दे चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। बारिश के दौरान पूरा ऑफिस पानी से भर जाता है, जिससे फाइलें और कंप्यूटर भी खराब हो जाते हैं।”
डाकघर में काम करवाने आने वाले नागरिकों को भी बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
भीतर पानी भरने और छत टपकने से लोगों को बाहर इंतजार करना पड़ता है। कई बार पत्र या मनी ऑर्डर जैसी सेवाएं भी प्रभावित हो जाती हैं।
स्थानीय नागरिकों ने सवाल उठाया है कि सरकारी भवनों के रखरखाव के लिए हर साल बजट जारी होता है, फिर भी मांगरोल डाकघर पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा?
लोगों का कहना है कि जब तक संबंधित अधिकारी मौके पर आकर स्थिति नहीं देखते, तब तक सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती।
मांगरोल के सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने डाक विभाग और प्रशासन से भवन की त्वरित मरम्मत की मांग की है।
लोगों का कहना है कि अगर समय रहते मरम्मत नहीं की गई तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
संवाददाता जय प्रकाश शर्मा
मांगरोल (बारां): मांगरोल-अंता विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। इसी को लेकर जिला कलक्टर रोहिताश्व तोमर और पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंदासु ने रविवार को बोहत कस्बे के महात्मा गांधी विद्यालय स्थित मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया।
दोनों अधिकारियों ने मतदान व्यवस्था, सुरक्षा प्रबंध और मतदाताओं की सुविधा से जुड़ी तैयारियों का बारीकी से जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान कलक्टर और एसपी ने कहा कि मतदान लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव है, और हर नागरिक को निर्भीक होकर मतदान करना चाहिए।
उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि वे बिना किसी दबाव या भय के स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग करें।
अधिकारियों ने महात्मा गांधी विद्यालय में बनाए गए मतदान केंद्रों पर बिजली, पानी, रैंप, व्हीलचेयर, सुरक्षा व्यवस्था और मतदान कर्मियों की तैनाती की स्थिति की समीक्षा की।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि मतदान के दिन किसी भी प्रकार की असुविधा मतदाताओं को न हो।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने ग्राम पंचायत सरपंच बाबूलाल चंदेल, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी पिंकी कश्यप, ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष जगदीश सिंह, विक्रम चौधरी, उप सरपंच भंवर सिंह, लोकेश गुर्जर, हरिओम गौतम और रोहित जाट सहित कई किसानों से मुलाकात की।
इस दौरान डीएपी खाद वितरण की स्थिति पर चर्चा हुई। किसानों ने बताया कि उन्हें डीएपी खाद सीमित मात्रा में मिल रही है।
जिला कलक्टर ने किसानों को सुझाव दिया कि डीएपी के स्थान पर एनपीए खाद का उपयोग भी किया जा सकता है, जिससे फसल की गुणवत्ता पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
निरीक्षण के दौरान अता पुलिस उपाधीक्षक श्योजीलाल मीणा, मांगरोल एसडीएम, तहसीलदार, पंचायत समिति विकास अधिकारी, और सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता भी उपस्थित रहे।
अधिकारियों ने पुलिस बल की तैनाती, पेट्रोलिंग व्यवस्था और मतदान केंद्रों के आस-पास सुरक्षा इंतजाम की समीक्षा की।
कलक्टर रोहिताश्व तोमर ने कहा कि उपचुनाव के दौरान सभी विभागों का समन्वय जरूरी है।
उन्होंने राजस्व विभाग, शिक्षा विभाग, और पीडब्ल्यूडी सहित सभी विभागीय अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए।
साथ ही मतदान के दिन बिजली, इंटरनेट और परिवहन जैसी मूलभूत सुविधाएं निर्बाध रूप से चलती रहें, इसका विशेष ध्यान रखने को कहा।
पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंदासु ने कहा कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने ग्रामीणों से कहा —
“किसी भी प्रकार के दबाव, लालच या डर से प्रभावित हुए बिना मतदान करें। हर वोट लोकतंत्र की नींव को मजबूत करता है।”
मांगरोल-अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है।
कलक्टर और एसपी का यह निरीक्षण न केवल व्यवस्थाओं की समीक्षा था बल्कि जनता में विश्वास जगाने का संदेश भी था।
ग्रामीणों में अब चुनाव को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है और प्रशासन के इस कदम से पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण मतदान की उम्मीद मजबूत हुई है।
संवाददाता जय प्रकाश शर्मा
अंता (घनश्याम दाधीच)। सामाजिक सेवा और स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाते हुए डी. डी. नेत्र सेवा फाउंडेशन (दादाबाड़ी, कोटा) और आशापुरा सेवा संस्थान, नागदा के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को नागदा के शिव मंदिर प्रांगण में निःशुल्क नेत्र जांच एवं मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर का सफल आयोजन किया गया।
यह शिविर जिला अंधता निवारण समिति, कोटा के आर्थिक सहयोग से आयोजित किया गया, जो पूरी तरह से आमजन को निःशुल्क नेत्र जांच और उपचार सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित था।
शिविर में कुल 128 मरीजों की नेत्र जांच (OPD) की गई। जांच के दौरान कई मरीजों में मोतियाबिंद की समस्या पाई गई, जिनमें से 27 मरीजों का ऑपरेशन हेतु चयन किया गया।
इन सभी चयनित मरीजों के ऑपरेशन डी. डी. नेत्र सेवा फाउंडेशन, कोटा में आधुनिक SICS प्रणाली द्वारा निःशुल्क किए जाएंगे।
संस्थान की ओर से बताया गया कि शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण व पिछड़े वर्ग के लोगों को गुणवत्तापूर्ण नेत्र चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराना था, ताकि कोई भी व्यक्ति आर्थिक तंगी के कारण आंखों का इलाज न छोड़ दे।
आशापुरा सेवा संस्थान के संरक्षक शिवराज सिंह नागदा ने बताया कि शिविर में क्षेत्र के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और मुफ्त नेत्र जांच का लाभ उठाया।
उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि हर जरूरतमंद व्यक्ति तक बेहतर नेत्र चिकित्सा पहुंचे, ताकि समय रहते उपचार हो सके और अंधता को रोका जा सके।”
शिविर के सफल संचालन में शिवराज सिंह, दिग्विजय सिंह और भारत विकास परिषद शाखा अंता के सदस्यों का विशेष योगदान रहा।
सभी स्वयंसेवकों ने सुबह से शाम तक मरीजों की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई — पंजीकरण से लेकर जांच और दवा वितरण तक सबकुछ सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न हुआ।
संस्थान की ओर से यह घोषणा की गई कि भविष्य में भी इस तरह के निःशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन समय-समय पर किया जाएगा।
इन शिविरों के माध्यम से ग्रामीण और ज़रूरतमंद लोगों को बेहतर नेत्र उपचार और स्वास्थ्य परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा।
संस्थान का उद्देश्य केवल चिकित्सा सेवा नहीं, बल्कि लोगों में आंखों की देखभाल के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है।
नागदा में आयोजित यह निःशुल्क नेत्र शिविर समाज में सेवा और सहयोग की भावना का उत्कृष्ट उदाहरण रहा। इस तरह के प्रयास न केवल लोगों के जीवन में प्रकाश लाते हैं, बल्कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को भी मजबूत करते हैं।
संवाददाता घनश्याम दाधीच
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