कोटा। शहर के कैथूनीपोल थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां एक विवाहित महिला ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। महिला ऑनलाइन बिजनेस से जुड़ी हुई थी और उसे इस दौरान धमकियां मिल रही थीं। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार, मृतका उषा वर्मा पत्नी हरीश वर्मा, निवासी कैथूनीपोल, ने मंगलवार देर रात या बुधवार सुबह अपने घर में फांसी का फंदा लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। परिजनों ने उसे फंदे से उतारकर एमबीएस अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही कैथूनीपोल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मृतका के पति हरीश वर्मा, जो कि एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं, ने पुलिस को बताया कि उनकी पत्नी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से गोदरेज प्रॉपर्टी से संबंधित बिजनेस करती थी। इस काम में उसके साथ अन्य लोग भी जुड़े हुए थे।
पिछले कुछ दिनों से कुछ लोगों द्वारा उसे पैसे जमा करवाने और लेनदेन को लेकर धमकियां दी जा रही थीं। लगातार मिल रही इन धमकियों के चलते वह मानसिक रूप से परेशान और अवसादग्रस्त हो गई थी।
पति के अनुसार, इसी मानसिक तनाव के कारण उसने बुधवार सुबह करीब 11 बजे आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया।
कैथूनीपोल थाना पुलिस ने मर्ग दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने मृतका के मोबाइल और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन रिकॉर्ड जब्त किए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसे धमकी देने वाले लोग कौन थे।
थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में ऑनलाइन ग्रुप से जुड़े कुछ व्यक्तियों के नाम सामने आ रहे हैं। फिलहाल पुलिस साइबर टीम की मदद से मामले की तहकीकात कर रही है।
इस घटना से पूरे परिवार में मातम का माहौल है। उषा वर्मा के पीछे उसका पति और 5 वर्षीय पुत्र है। पड़ोसियों और रिश्तेदारों के अनुसार, उषा हमेशा मिलनसार और हंसमुख स्वभाव की थी, लेकिन हाल के दिनों में वह तनाव में नजर आ रही थी।
परिवारजन का कहना है कि उसे ऑनलाइन काम से जुड़ी परेशानियां थीं और कई बार वह इसके बारे में बात भी करती थी।
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि ऑनलाइन बिजनेस या वर्क फ्रॉम होम के नाम पर चल रही योजनाएं कितनी सुरक्षित हैं।
आजकल कई महिलाएं सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बिजनेस कर रही हैं, लेकिन ऐसे में साइबर ठगी और मानसिक उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के कार्यों में शामिल होने से पहले कंपनी की वैधता की जांच करना बेहद जरूरी है। साथ ही, किसी भी धमकी या ब्लैकमेल के मामले में तुरंत साइबर पुलिस या स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज करनी चाहिए।
उषा वर्मा की आत्महत्या ने न केवल एक परिवार को उजाड़ दिया बल्कि ऑनलाइन बिजनेस के अंधेरे पहलू को भी उजागर किया है। पुलिस की जांच से ही यह स्पष्ट होगा कि धमकी देने वालों के पीछे कौन से लोग या संगठन शामिल थे।
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी ऑनलाइन धमकी या आर्थिक दबाव की स्थिति में तुरंत कानूनी सहायता लें और खुद को मानसिक तनाव से दूर रखें।
संवाददाता तेजपाल सिंग बग्गा
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अनूपगढ़। त्योहारों के मौसम में बढ़ते ट्रैफिक और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस विभाग की टीम ने आज अनूपगढ़ और बांडा कॉलोनी हाईवे पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहनों की सघन चेकिंग की। जांच के दौरान बसों, टैक्सियों और अन्य यात्री वाहनों की बारीकी से तलाशी ली गई।
दीपावली जैसे बड़े त्यौहार को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अधिकारियों ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन में ज्वलनशील, विस्फोटक या पटाखे जैसी सामग्री रखना पूरी तरह प्रतिबंधित है।
जांच के दौरान कई वाहनों के चालकों को कड़े निर्देश दिए गए कि बसों में किसी भी हालत में ज्वलनशील पदार्थ या पटाखे नहीं ले जाएं। पुलिस ने चेतावनी दी कि ऐसा करते पाए जाने पर संबंधित वाहन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चेकिंग टीम का नेतृत्व स्थानीय थाना प्रभारी ने किया। उन्होंने कहा —
“किसी भी तरह की लापरवाही या नियमों की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
टीम ने बस अड्डे, मुख्य सड़कों और टोल नाकों पर भी वाहनों की जांच की। ड्राइवरों से उनके परमिट, बीमा और फिटनेस सर्टिफिकेट भी चेक किए गए।
त्योहारों के दौरान अक्सर लोग अपने साथ पटाखे या अन्य ज्वलनशील पदार्थ लेकर यात्रा करते हैं, जो गंभीर हादसों का कारण बन सकते हैं। हाल ही में अन्य जिलों में हुई घटनाओं के बाद पुलिस प्रशासन ने इस बार जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में वाहन को तुरंत जब्त किया जाएगा और चालक-परिचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
पुलिस विभाग ने आम नागरिकों से भी अपील की कि अगर कोई व्यक्ति या वाहन सुरक्षा नियमों की अवहेलना करता दिखाई दे, तो तुरंत पुलिस थाना अनूपगढ़ को सूचित करें। इससे किसी भी बड़े हादसे को समय रहते रोका जा सकेगा।
पुलिस ने कहा कि सुरक्षा केवल प्रशासन की नहीं बल्कि समाज की भी जिम्मेदारी है।
“हम सबकी सतर्कता ही हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा ढाल है,” अधिकारियों ने कहा।
अधिकारियों ने बताया कि दीपावली और कार्तिक मेले तक हाईवे और बस अड्डों पर सघन चेकिंग अभियान जारी रहेगा। पुलिस टीमें लगातार पेट्रोलिंग करेंगी ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या सामान पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
साथ ही, सभी परिवहन कंपनियों को लिखित निर्देश भेजे गए हैं कि वे अपने ड्राइवरों और स्टाफ को सुरक्षा नियमों की जानकारी दें और उसका कड़ाई से पालन करवाएं।
अनूपगढ़ पुलिस द्वारा यह कदम नागरिक सुरक्षा की दिशा में एक सराहनीय पहल है। ऐसे समय में जब त्योहारों पर हादसों का खतरा बढ़ जाता है, यह अभियान न केवल जागरूकता बढ़ाता है बल्कि सुरक्षा संस्कृति को भी मजबूत करता है।
संवाददाता बाबा स्टूडियो गोपी
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केशवराय पाटन: आगामी पंद्रह दिवसीय कार्तिक मेला 2025 को लेकर नगर पालिका सभा भवन में मेला समिति और नगर पालिका ईओ (कार्यकारी अधिकारी) की बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य मेले से जुड़े सभी आवश्यक कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करना और मेले को भव्य रूप से आयोजित करना था।
बैठक में मेला संयोजक और समिति सदस्यों ने मेले के संचालन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा, स्वच्छता, व्यवस्थापन और पर्यटक सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।
नगर पालिका ईओ ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को जिम्मेदारियां सौंपते हुए कहा कि कोई भी कार्य अधूरा न रहे। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी स्टाल, प्रकाश व्यवस्था, जल एवं शौचालय सुविधाएं, और मनोरंजन कार्यक्रम समय पर तैयार किए जाएं।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मेले का आयोजन इस प्रकार किया जाए कि पर्यटन को बढ़ावा मिले और शहर का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व उभरकर सामने आए। मेला समिति ने कहा कि मेले में आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधाजनक आवास और परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
साथ ही यह भी ध्यान रखा जाएगा कि धार्मिक आयोजनों और अनुष्ठानों में किसी प्रकार की लापरवाही न हो। सभी कार्यक्रम नियमों और परंपराओं के अनुरूप आयोजित किए जाएंगे।
बैठक में कर्मचारियों और स्टॉल संचालकों को उनकी जिम्मेदारियां सौंप दी गई हैं। इसमें सुरक्षा गार्ड, सफाई कर्मचारी, आयोजक और मनोरंजन स्टाफ शामिल हैं। हर किसी को यह सुनिश्चित करना है कि मेला आयोजन के दौरान कोई असुविधा, दुर्घटना या व्यवधान न आए।
सभी स्टॉलों का समय पर निर्माण और सजावट सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण दल नियुक्त किए गए हैं। यह दल नियमित रूप से तैयारियों की समीक्षा करेगा और आवश्यक सुधार की सिफारिश करेगा।
कार्तिक मेला 2025 को भव्य और व्यवस्थित तरीके से आयोजित करने के लिए मेला समिति और नगर पालिका द्वारा सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुसार, सुरक्षा, सुविधा और सांस्कृतिक महत्व को प्राथमिकता दी जाएगी।
स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने आश्वासन दिया कि मेले के दौरान कोई कोताही या लापरवाही नहीं होगी, और यह मेला पाटन शहर के लिए धार्मिक और पर्यटन दोनों दृष्टियों से यादगार बनेगा।
संवाददाता: लोकेश शर्मा
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लाम्बा हरि सिंह: केकड़ी रोड से नगर पालिका भवन मोरला रोड तक लगभग 1800 मीटर लंबी सीसी रोड का निर्माण कार्य पिछले 10 महीनों से अधूरा पड़ा हुआ है। केंद्रीय अवसंरचना योजना के तहत यह कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा किया जा रहा था। लेकिन पिछले दो महीनों से यह कार्य पूरी तरह से ठप है, जिससे स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि अधूरी सड़क और गड्ढों की वजह से धूल-मिट्टी का फैलाव हो रहा है, जिससे ग्राहक दुकानों तक पहुंचने में असुविधा महसूस करते हैं। इससे व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। दुकानदारों का कहना है कि जैसे ही दीपावली मेला नजदीक आता है, ग्राहकों की संख्या में गिरावट हो सकती है।
राहगीरों के लिए भी सड़क की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। गड्ढों और धूल के कारण वाहन चालक और पैदल यात्री दोनों ही जोखिम में हैं। कई लोगों ने कहा कि सड़क पर रोजमर्रा का आवागमन असुरक्षित हो गया है।
जानकारी के अनुसार, इस मार्ग पर मय डिवाइड रोड का प्रस्ताव विभागीय स्वीकृति के लिए भेजा गया था। लेकिन यह प्रस्ताव पिछले दो महीनों से विभागीय प्रक्रिया में अटका हुआ है। इसी कारण निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप पड़ा है।
सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता पिंटु मीणा ने बताया कि आवश्यक औपचारिकताओं के पूर्ण होने के बाद कार्य को दीपावली के पश्चात पुनः शुरू किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि शेष कार्य को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा और सड़क को सुरक्षित एवं उपयोग योग्य बनाया जाएगा।
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने विभाग से अपील की है कि निर्माण कार्य को त्वरित गति से पूरा किया जाए। उनका कहना है कि नगर की मुख्य सड़क पर आवागमन और व्यापारिक गतिविधियों का सामान्य संचालन आवश्यक है।
सड़क निर्माण के पूरा होने से न केवल व्यापारियों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि सुरक्षा और यातायात की सुविधा भी बढ़ेगी। व्यापारियों ने उम्मीद जताई कि विभाग जल्द ही औपचारिकताएं पूरी कर काम को तेज़ गति से पूरा करेगा।
1800 मीटर लंबी सीसी रोड का निर्माण दस महीनों से अधूरा पड़ा होने से व्यापारियों और नागरिकों की समस्याएं बढ़ी हैं। दीपावली जैसे महत्वपूर्ण अवसर से पहले सड़क का अधूरा होना नगर की व्यावसायिक गतिविधियों और यातायात पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। अब स्थानीय लोगों की निगाहें PWD और संबंधित अधिकारियों पर टिकी हैं, ताकि सड़क निर्माण कार्य को समय पर पूरा किया जा सके।
संवाददाता: मनीष सुखाड़िया
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तांत्या, 14 अक्टूबर 2025: संस्थान द्वारा अपने अंगीकृत गांव तांत्या में 14 अक्टूबर को पशु स्वास्थ्य शिविर, भेड़पालकों से चर्चा और शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के निदेशक डॉ. अरुण कुमार के मार्गदर्शन में किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य पशुपालकों को स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराना और उन्नत पशुपालन तकनीकों से अवगत कराना था।
कार्यक्रम में संस्थान के अंगीकृत 16 पशुपालकों ने कुल 400 भेड़ और 150 बकरियों के साथ भाग लिया। इन पशुओं में से 100 बीमार भेड़ और 30 बकरियों का उपचार कार्यक्रम के दौरान किया गया। विशेषज्ञों ने पशुओं के लिए टीकाकरण, दवा, और स्वास्थ्य जांच की। इससे पशुपालकों को अपने पशुओं की स्वास्थ्य समस्याओं को समय पर पहचानने और उपचार करने में मदद मिली।
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के वैज्ञानिकों ने अंगीकृत पशुपालकों, किसानों और अन्य ग्रामवासियों से उनकी समस्याओं के बारे में चर्चा की। वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्नत नस्ल की भेड़ पालन कैसे मुनाफा बढ़ा सकती है और इसके अन्य फायदे क्या हैं। इसके साथ ही वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन और प्रबंधन के लाभों पर भी प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम के तहत संस्थान में चल रहे 10 दिवसीय कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल 38 पशुधन सहायकों ने भी शिविर में भाग लिया। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. राजेश बिश्नोई, वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. डी.के. शर्मा, वैज्ञानिक और श्री गौतम चौपड़ा, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ने प्रशिक्षणार्थियों के साथ वैज्ञानिक तकनीकों पर चर्चा की। इससे प्रशिक्षणार्थियों को पशुपालन में उन्नत तकनीकें लागू करने का व्यावहारिक अनुभव मिला।
इस कार्यक्रम ने स्थानीय भेड़पालकों को उनके पशुओं के स्वास्थ्य सुधार के लिए आवश्यक सेवाएँ प्रदान की। साथ ही, पशुपालन में नई तकनीकों और वैज्ञानिक प्रबंधन के महत्व को भी उजागर किया गया। भविष्य में इस तरह के आयोजन से गांवों में पशुपालन की गुणवत्ता में सुधार और किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
संस्थान के निदेशक डॉ. अरुण कुमार ने कहा, “हमारा उद्देश्य सिर्फ उपचार देना नहीं है, बल्कि किसानों को वैज्ञानिक और आधुनिक तकनीकों से अवगत कराना है, जिससे वे अपने पशुओं का बेहतर प्रबंधन कर सकें और मुनाफा बढ़ा सकें।”
संवाददाता सुरेश भड़ला वेटेरिनरी
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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर 2025: भारतीय टेलीविजन और फिल्म इंडस्ट्री एक और बड़े अभिनेता को खो गई। टीवी और फिल्म अभिनेता पंकज धीर, जिन्हें 90 के दशक में बी.आर. चोपड़ा की महाभारत में कर्ण के रूप में जाना जाता था, 68 वर्ष की आयु में कैंसर के कारण निधन हो गए। उनका निधन भारतीय टीवी जगत और उनके फैंस के लिए बेहद दुखद खबर है।
पंकज धीर ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत थिएटर से की थी और धीरे-धीरे वे टेलीविजन और फिल्मों में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल हुए। लेकिन उन्हें असली पहचान मिली महाभारत (1988-1990) में कर्ण के किरदार से। इस भूमिका ने उन्हें पूरे देश में लोकप्रिय बना दिया।
कर्ण का किरदार निभाते हुए पंकज धीर ने अपने दृढ़ता, साहस और निष्ठा को दर्शकों के दिलों में बिठा दिया। उनके अभिनय ने केवल कहानी को जीवंत नहीं किया बल्कि पात्र की भावनाओं और नैतिक मूल्यों को भी स्पष्ट रूप से दर्शाया।
पंकज धीर के निधन की खबर मिलते ही सोशल मीडिया पर उनके फैंस और सेलेब्रिटीज ने शोक व्यक्त किया। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर लोग उनके योगदान और महाभारत में निभाए गए किरदार को याद कर भावुक हो रहे हैं।
एक फैन ने लिखा:
“कर्ण का किरदार हमेशा हमारे दिलों में रहेगा। पंकज धीर को हमेशा याद किया जाएगा।”
एक अन्य ने कहा:
“टीवी इंडस्ट्री का एक युग समाप्त हो गया। पंकज धीर ने कर्ण के किरदार में जो भावना और ऊर्जा दी, वह कभी नहीं भुलाई जा सकती।”
महाभारत में कर्ण का किरदार सिर्फ एक योद्धा नहीं, बल्कि वफादारी, त्याग और नैतिकता का प्रतीक था। पंकज धीर ने इस भूमिका को इतनी सजीवता और भावनात्मक गहराई के साथ निभाया कि दर्शक आज भी उसे याद करते हैं।
उनकी मेहनत और अभिनय के कारण कर्ण का किरदार भारतीय टेलीविजन इतिहास में अमिट छाप छोड़ गया। आज उनके जाने से न केवल फैंस दुखी हैं, बल्कि पूरी इंडस्ट्री एक बड़े कलाकार को खो चुकी है।
पंकज धीर कुछ समय से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनके निधन की खबर से उनके परिवार, दोस्त और सहयोगी गहरे शोक में हैं। उनके योगदान को याद करते हुए कई वरिष्ठ टीवी कलाकार और निर्देशकों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पंकज धीर का निधन भारतीय टीवी और फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति है। महाभारत में कर्ण के रूप में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके अभिनय ने न केवल मनोरंजन किया बल्कि नैतिकता और वीरता के संदेश को भी फैलाया।
उनके फैंस और इंडस्ट्री साथी उन्हें हमेशा याद करेंगे। पंकज धीर ने एक ऐसा चरित्र निभाया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन गया।
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बूंदी, 15 अक्टूबर 2025: शहर के लंकागेट रोड चौराहे के पास बुधवार की सुबह एक गंभीर घटना हुई। खुला नाला होने के कारण एक गाय उसमें गिर गई और नाले से निकल रही जलदाय विभाग की पाइपलाइन में फंस गई। जिससे गोवंश की जान पर बड़ा खतरा मंडराने लगा।
सूचना मिलते ही नगर परिषद के सफाई निरीक्षक राजकुमार सांगेला, जमादार महेश कलोसिया और घनश्याम बोयत तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौके पर मौजूद लोगों की मदद से बड़ी मेहनत और सावधानी से गाय को पाइपलाइन से बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया।
बचाव कार्य में सावधानी रखी गई ताकि गाय को किसी तरह की चोट न पहुंचे। कुछ मिनटों की मशक्कत के बाद गाय को सुरक्षित बाहर निकाला गया। यह घटना नगरवासियों के लिए राहत और खुशी का कारण बनी।
स्थानीय लोग और राहगीर बचाव कार्य को देखने आए और नगर परिषद कर्मचारियों की तत्परता और साहस की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मेहनत और तेज़ प्रतिक्रिया ने समय रहते गोवंश की जान बचाई।
नगर परिषद ने यह भी बताया कि ऐसे घटनाओं से निपटने के लिए कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है और इमरजेंसी सिचुएशन में तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश होता है।
यह घटना केवल एक बचाव कार्य नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता का संदेश भी देती है। खुले नालों और असुरक्षित क्षेत्रों में गोवंश या अन्य जानवरों के फंसने की घटनाएँ आम हैं। ऐसे हादसों से बचने के लिए प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
स्थानीय लोगों ने नगर परिषद से अनुरोध किया है कि शहर में खुले नालों और पाइपलाइन की सुरक्षा को बढ़ाया जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
बूंदी के लंकागेट रोड पर हुई यह घटना नगर परिषद की तत्परता और नागरिक सहयोग का एक उदाहरण बन गई। कर्मचारियों की मेहनत और सावधानी ने न केवल एक जानवर की जान बचाई, बल्कि शहर में प्रशासन की छवि को भी मजबूत किया।
इस तरह की घटनाएँ हमें यह याद दिलाती हैं कि सुरक्षा, तत्परता और समाज में जागरूकता कितना महत्वपूर्ण है।
संवाददाता हेमराज सैनी
बूंदी, 15 अक्टूबर 2025: बूंदी में युवा नेता ओम धगाल का जन्मदिन भव्य तरीके से मनाया गया। दिनभर बूंदी टनल के पास स्थित होटल में कार्यकर्ताओं और समर्थकों का तांता लगा रहा। कार्यकर्ताओं ने नेता का फूलमालाओं से स्वागत कर जन्मदिन की शुभकामनाएँ दीं।
होटल परिसर में पूरा दिन उत्सव जैसा माहौल बना रहा। समर्थक बारी-बारी से पहुंचे और ओम धगाल को बधाइयाँ दीं। आयोजन स्थल पर रंग-बिरंगे सजावट, मिठाइयाँ और हल्के संगीत ने माहौल को और खास बना दिया। कार्यकर्ताओं ने जन्मदिन समारोह को सफल बनाने में विशेष भूमिका निभाई।
इस अवसर पर कई सामाजिक कार्यकर्ता, युवा और राजनीतिक साथी उपस्थित थे। सभी ने ओम धगाल के दीर्घायु और उज्ज्वल भविष्य की कामना की। समारोह में नेताओं और समर्थकों के बीच संवाद का भी अवसर मिला, जिससे स्थानीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई।
ओम धगाल के नेतृत्व और युवाओं के लिए किए गए कार्यों को इस अवसर पर सराहा गया। उन्होंने अपने क्षेत्र में शिक्षा, सामाजिक गतिविधियों और युवाओं के सशक्तिकरण में विशेष योगदान दिया है। कार्यकर्ताओं ने इस अवसर को उनके योगदान का सम्मान करने का अवसर भी माना।
समारोह में बूंदी और आसपास के क्षेत्रों से कार्यकर्ता पहुंचे। सभी ने मिलकर जन्मदिन समारोह को सफल बनाया और नेता को व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से बधाइयाँ दीं। कार्यक्रम के दौरान छोटे-छोटे सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी की गईं, जिससे माहौल और जीवंत बन गया।
ओम धगाल का जन्मदिन समारोह न केवल व्यक्तिगत खुशी का अवसर था, बल्कि बूंदी के युवाओं और समर्थकों के बीच एकजुटता और सामूहिक उत्साह का प्रतीक भी बन गया। इस अवसर ने क्षेत्र में राजनीतिक और सामाजिक संवाद को भी बढ़ावा दिया।
संवाददाता हेमराज सैनी
जैसलमेर, 14 अक्टूबर 2025: राजस्थान के जैसलमेर-जोधपुर हाईवे पर मंगलवार दोपहर करीब 3:30 बजे चलती एसी स्लीपर बस में अचानक आग लग गई। बस में 57 यात्री सवार थे। हादसे में 20 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 15 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। इनमें 2 बच्चे और 4 महिलाएं शामिल हैं।
हादसे की सूचना मिलते ही ग्रामीण और राहगीर मौके पर पहुंचे। आग इतनी भीषण थी कि कुछ यात्रियों को बस की खिड़की से कूदकर अपनी जान बचानी पड़ी। दमकल की कई गाड़ियों ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। झुलसे यात्रियों को पहले जवाहर अस्पताल, जैसलमेर ले जाया गया, और बाद में सभी को जोधपुर रेफर किया गया।
मरने वालों में स्थानीय पत्रकार राजेंद्र सिंह चौहान और 79 वर्षीय हुसैन खां शामिल हैं। बाकी शव बुरी तरह झुलसने के कारण पहचान योग्य नहीं हैं, इसलिए DNA परीक्षण के माध्यम से पहचान की जा रही है। सबसे दर्दनाक कहानी है सेना के जवान महेंद्र मेघवाल और उनके पूरे परिवार की — पत्नी और तीन बच्चों के साथ वे इस हादसे में जीवन की अंतिम सांसें लेने पहुंचे।
प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को आग लगने का कारण बताया गया है। कुछ स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि बस की डिग्गी में रखे पटाखे गर्मी से फट गए। एसी कम्प्रेशर फटने और गैस-डीज़ल के संपर्क में आने की भी आशंका जताई जा रही है। हादसे के समय बस में केवल एक ही दरवाजा था, जिससे यात्री फंस गए और कई लोग नहीं बच सके।
जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल में बर्न यूनिट में घायलों का इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सभी घायलों के लिए 24 घंटे विशेष चिकित्सकीय निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। घायलों को भोजन, आवास और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये और घायलों के लिए 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की। राज्यपाल और अन्य राजनेताओं ने हादसे पर संवेदना व्यक्त की। इस बीच कई सांसदों और नेताओं ने बस सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।
जैसलमेर की रेत में उस दोपहर सिर्फ आग नहीं लगी, बल्कि प्रशासन की संवेदनशीलता और सुरक्षा व्यवस्था की कमज़ोरी भी उजागर हुई। यह हादसा यह दिखाता है कि केवल जांच और मुआवजा पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि जिम्मेदारी और सुरक्षा मानकों का पालन भी ज़रूरी है।
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दिल्ली में खेले गए दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को 7 विकेट से हराकर 2-0 की शुद्ध जीत दर्ज की। यह शुभमन गिल की बतौर कप्तान पहली टेस्ट सीरीज थी, और उन्होंने इसे शानदार जीत के साथ शुरू किया। भारतीय टीम ने लगातार 23 सालों से वेस्टइंडीज पर टेस्ट क्रिकेट में अपना दबदबा बनाए रखा है।
भारत ने दूसरी पारी में जबरदस्त प्रदर्शन किया। टीम के बल्लेबाजों ने जिम्मेदारी से खेलते हुए 7 विकेट से लक्ष्य को हासिल किया। वेस्टइंडीज की टीम भारत की पारी और गेंदबाज़ी के सामने टिक नहीं पाई। भारत के गेंदबाजों ने पूरे मैच में दबाव बनाए रखा और वेस्टइंडीज को बड़ी मुश्किलों में डाल दिया।
शुभमन गिल ने इस सीरीज में बतौर कप्तान अपनी पहली जीत हासिल की। उनकी कप्तानी में टीम का हर खिलाड़ी आत्मविश्वास से खेला। गिल ने अपनी रणनीति और टीम मैनेजमेंट से भारतीय टीम को एकजुट रखा। इस जीत ने भारतीय क्रिकेट को नए युग में प्रवेश कराने का संकेत दिया।
वेस्टइंडीज की टीम ने आखिरी बार भारत को 2002 में टेस्ट क्रिकेट में हराया था। तब से भारत ने सभी बड़े फॉर्मेट में कैरेबियाई टीम को करारी हार दी है। यह जीत भारतीय टीम के लिए गौरव का विषय है और इससे युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी।
इस जीत में कप्तान शुभमन गिल के अलावा अन्य खिलाड़ियों ने भी अहम योगदान दिया। गेंदबाज़ों ने समय-समय पर विकेट लेकर विपक्षी टीम को दबाव में रखा। बल्लेबाज़ों ने जिम्मेदारी से खेलते हुए रन बनाए। टीम के सभी सदस्यों ने सामूहिक प्रयास से यह ऐतिहासिक जीत सुनिश्चित की।
इस जीत के साथ भारत ने अपने टेस्ट फॉर्मेट में दबदबा और आत्मविश्वास दोनों बनाए रखा। अब टीम अगले मुकाबलों और घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय सीरीज में इसी जोश और रणनीति के साथ खेल रही है। कप्तान शुभमन गिल और चयनकर्ताओं की रणनीति युवा खिलाड़ियों को तरक्की के मौके प्रदान करेगी।