टीआरपी रिपोर्ट्स ने स्पष्ट कर दिया है कि अनुपमा
सीरियल ने अभी हाल ही में सबसे ज़्यादा व्यूअरशिप प्राप्त की है और क्योंकि सास भी कभी बहू थी
(Kyuki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi) को पीछे छोड़ दिया है। इस सीज़न में अनुपमा
के एपिसोड्स ने दर्शकों को इस तरह बांधा कि हर घर में इस कहानी की चर्चा हो रही है। इसकी कहानी, पात्रों का इमोशनल संघर्ष, और हर करदार की भूमिका की गहराई ने लोगों का दिल जीत लिया है। टीवी जगत में जब भी यह प्रकार का बदलाव होता है कि एक पुराने लोकप्रिय शो को टॉप से हटाया जाए, तो वह सिर्फ़ टीआरपी की संख्या नहीं होती बल्कि दर्शकों की बदलती पसंद और कंटेंट में गुणवत्ता का संकेत होती है।
इस ट्रेंड के पीछे कई कारण हैं। सबसे प्रमुख कारण कहानी का यथार्थ पसंद होना है—जहाँ पारिवारिक रिश्ते, संघर्ष और व्यक्तिगत समस्याएँ एक दूसरे से जुड़ी हुईं हैं। अनुपमा
ने अपनी पटकथा में रोज़मर्रा के जीवन के पहलुओं को ऐसा पेश किया है कि दर्शक खुद को उन परिस्थितियों से जोड़ते देख रहे हैं। इसके अलावा, कास्टिंग का दम और अभिनय की बारीकियाँ इस शो को वहां ले जाकर खड़ी करती हैं जहाँ दर्शक उम्मीद के सापेक्ष महसूस करते हैं।
क्या हो रही है बाकी सीरियलों के साथ, और बिग बॉस का झटका
जब अनुपमा
ट्रेंडिंग में ऊपर आ रही है, क्योंकि सास भी कभी बहू थी
की व्यूअरशिप में गिरावट देखी जा रही है। इस शो में पुराने किरदारों की वापसी ने शुरुआत में जो उत्साह पैदा किया था, वह अब उतना असर नहीं कर पा रहा। दर्शकों का कहना है कि कहानी में पुरानी यादों का जमाना अच्छा है लेकिन कंटेंट नए ट्विस्ट और प्रगति के साथ तभी रोचक रहता है जब वह सिर्फ वंश परंपरा और ड्रामा पर निर्भर न हो।
वहीं, लोकप्रिय शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा
और अन्य कॉमेडी सीरियल्स के दर्शक थोड़ा कम हो गए हैं, क्योंकि ऐतिहासिक समय स्लॉट्स और नए कंटेंट विकल्पों के चलते दर्शकों के पास वैकल्पिक मनोरंजन ज़्यादा हो गया है। एक ओर जहां Bigg Boss
जैसा रियलिटी शो शुरुआत में टीआरपी में टॉप पर था, वहीं उसकी व्यूअरशिप में भी कमी देखी जा रही है—लोग कहते हैं कि कंटेंट की नवीनीकरण और नए फैमिली-हिट शो से मुकाबला करना कठिन हो गया है।