समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के पूर्व सांसद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें डूंगरपुर मामले में जमानत दे दी है, जिससे उनकी जेल से रिहाई संभव हो सकेगी। यह निर्णय न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने 10 सितंबर 2025 को सुनाया। इससे पहले, 30 मई 2024 को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई थी। आजम खान ने इस सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार किया।
डूंगरपुर मामला: आरोप और घटनाक्रम
डूंगरपुर मामला 2016 का है, जब रामपुर के डूंगरपुर क्षेत्र में सरकारी जमीन पर आसरा आवास बनाए जा रहे थे। इस दौरान कुछ लोगों के घरों को तोड़ा गया, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ। अबरार नामक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि आजम खान, रिटायर्ड सीओ आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली ने मिलकर उसके घर को तोड़ा, मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। अबरार ने 2019 में गंज थाने में मामला दर्ज कराया। इस मामले में अन्य पीड़ितों ने भी शिकायतें कीं, जिसके बाद कुल 12 मुकदमे दर्ज हुए।
रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 30 मई 2024 को आजम खान को 10 साल और बरकत अली को 7 साल की सजा सुनाई। इस फैसले के खिलाफ दोनों ने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने दोनों की जमानत अर्जी स्वीकार कर ली है।
हाईकोर्ट का आदेश और कानूनी पहलू
हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि अपील लंबित रहने तक सजा पर विचार किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी माना कि जमानत देने से अभियोजन पक्ष को कोई नुकसान नहीं होगा। इससे पहले, 12 अगस्त 2025 को दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब यह फैसला आजम खान के पक्ष में आया है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
आजम खान की जमानत से समाजवादी पार्टी को एक बड़ी राजनीतिक जीत मिली है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इसे अपनी संघर्ष की सफलता मान रहे हैं। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि यह साबित करता है कि न्याय की कोई ताकत नहीं रोक सकती।
आजम खान के समर्थकों ने भी खुशी जाहिर की है। उन्होंने इसे उनके संघर्ष और सत्य की जीत बताया है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और इसे पार्टी की न्यायिक लड़ाई की सफलता माना है।
आगे की कानूनी प्रक्रिया
हालांकि आजम खान को जमानत मिल गई है, लेकिन डूंगरपुर मामले में उनकी अपील लंबित रहेगी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख तय नहीं की है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही सुनवाई शुरू होगी। इसके अलावा, आजम खान के खिलाफ अन्य मामलों में भी कानूनी प्रक्रिया जारी है। उनके खिलाफ कुल 89 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से कुछ में सजा हो चुकी है और कुछ में सुनवाई चल रही है।
निष्कर्ष
आजम खान को डूंगरपुर मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिलना उनके लिए एक बड़ी कानूनी राहत है। यह निर्णय उनके समर्थकों के लिए खुशी का कारण बना है और समाजवादी पार्टी के लिए एक राजनीतिक जीत है। हालांकि, यह मामला अभी समाप्त नहीं हुआ है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी। अब यह देखना होगा कि हाईकोर्ट में उनकी अपील का क्या परिणाम आता है और अन्य मामलों में क्या निर्णय होते हैं।