आज 18 अक्टूबर 2025, शनिवार का दिन धनतेरस के पावन पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। कार्तिक मास की द्वादशी तिथि मध्याह्न 12 बजकर 19 मिनट तक रहेगी, जिसके बाद त्रयोदशी तिथि का आरंभ होगा। यह दिन भगवान धनवंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धनतेरस पर सोना-चांदी, बर्तन या नए सामान की खरीद को शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 18 October 2025)
राष्ट्रीय मिति – आश्विन 26, शक सम्वत् 1947, विक्रम संवत् 2082 सौर मास – कार्तिक प्रविष्टे 02 तिथि – द्वादशी (मध्याह्न 12:19 तक), उपरांत त्रयोदशी आरंभ वार – शनिवार नक्षत्र – पूर्वा फाल्गुनी (दोपहर 3:42 तक), उपरांत उत्तरा फाल्गुनी योग – ब्रह्म योग (रात 1:48 तक), उपरांत ऐन्द्र योग करण – तैतिल करण (12:19 तक), उपरांत वणिज करण चंद्रमा – रात 10:12 बजे तक सिंह राशि, उपरांत कन्या राशि में संचरण सूर्य – दक्षिणायण, शरद ऋतु
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय – सुबह 6 बजकर 23 मिनट सूर्यास्त – शाम 5 बजकर 48 मिनट
आज का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त – 4:43 AM से 5:33 AM तक विजय मुहूर्त – दोपहर 2:00 PM से 2:46 PM तक निशीथ काल – रात 11:41 PM से 12:31 AM तक गोधूलि बेला – शाम 5:48 PM से 6:14 PM तक
आज का अशुभ मुहूर्त और राहुकाल
राहुकाल – सुबह 9:00 AM से 10:30 AM तक गुलिक काल – शाम 6:00 PM से 7:30 PM तक यमगंड काल – दोपहर 1:30 PM से 3:30 PM तक दुर्मुहूर्त – सुबह 6:24 AM से 7:09 AM तक अमृत काल – सुबह 7:49 AM से 9:14 AM तक
धनतेरस का महत्व और पूजन विधि
धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि का पूजन विशेष रूप से किया जाता है। यह दिन धन, आरोग्य और सुख-समृद्धि की कामना का प्रतीक माना जाता है। इस दिन नए बर्तन, सोना, चांदी या धन संबंधी वस्तुएं खरीदना शुभ फलदायक होता है। सूर्यास्त के समय दीपदान का विशेष महत्व है — घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाने से लक्ष्मी आगमन के द्वार खुलते हैं।
चंद्रमा का गोचर और प्रभाव
आज रात्रि 10:12 बजे तक चंद्रमा सिंह राशि में रहेगा और उसके बाद कन्या राशि में प्रवेश करेगा। सिंह राशि में चंद्रमा का गोचर आत्मविश्वास और ऊर्जा प्रदान करता है, वहीं कन्या में प्रवेश के बाद मानसिक स्थिरता और विश्लेषण क्षमता बढ़ती है।
उपाय
आज के दिन हनुमान जी की कृपा पाने के लिए सुंदरकांड का पाठ करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं। साथ ही शाम को घर के द्वार पर पांच दीपक अवश्य जलाएं, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी और धन की वृद्धि के योग बनेंगे।
व्रत और त्योहार
आज धनतेरस का पर्व है। इसे ‘धन त्रयोदशी’ भी कहा जाता है। इस दिन यमराज की आराधना कर दीपदान करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। आज के दिन खरीदे गए बर्तन, सोना-चांदी और वाहन को शुभता का प्रतीक माना जाता है।