ब्रिटेन के शेफील्ड में 15 साल के स्कूली छात्र मोहम्मद उमर खान को अपने क्लासमेट हार्वे विलगूज की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। पैरोल पर विचार करने से पहले उसे कम से कम 16 साल सलाखों के पीछे बिताने होंगे।
हत्या की घटना और स्कूल में झगड़ा
घटना 3 फरवरी की दोपहर ऑल सेंट्स कैथोलिक हाई स्कूल, शेफील्ड में हुई। घटना से एक सप्ताह पहले ही दोनों लड़कों के बीच स्कूल में झगड़ा हुआ था। उमर खान ने दावा किया कि चाकू अपनी सुरक्षा के लिए लिया था, लेकिन कोर्ट ने इसे हत्या की योजना का हिस्सा माना।
जज और पुलिस का बयान
शेफील्ड क्राउन कोर्ट के जज ने कहा कि खान को हथियारों में लंबे समय से रुचि थी। यॉर्कशायर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी डिटेक्टिव चीफ इंस्पेक्टर एंडी नोल्स ने बताया कि खान को गलत विश्वास था कि चाकू रखने से उसे सुरक्षा या सम्मान मिलेगा।
सुनवाई और दोषसिद्धि
सुनवाई छह सप्ताह तक चली। कोर्ट ने पाया कि हार्वे को चाकू से मारा गया। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने उमर खान को गिरफ्तार किया। जूरी ने अगस्त में उसे दोषी ठहराया।
परिवार और सीसीटीवी फुटेज का असर
जज ने कहा कि हार्वे का परिवार घटना के सीसीटीवी फुटेज से बेहद परेशान है और उनके जीवन में आघात लगातार महसूस होता है। यह सजा परिवार और समाज के लिए न्याय का संदेश है।
उमर खान का दावा और चाकू ले जाने का कारण
उमर खान ने स्वीकार किया कि उसने स्कूल में ब्लेड रखी थी। अदालत में उसने कहा कि चाकू उसे दूसरों से अपनी सुरक्षा के लिए चाहिए था। हालांकि कोर्ट ने इसे हत्या की योजना का हिस्सा माना और उसे उम्रकैद दी।