दिवाली का त्योहार बच्चों के लिए उत्साह और खुशियों से भरा होता है — मिठाइयों की खुशबू, नए कपड़े, सजावट और चमकते पटाखे। लेकिन यही उत्साह कई बार लापरवाही में बदल जाता है। हर साल देशभर में सैकड़ों बच्चे पटाखों या दीयों से जलने और चोट लगने की घटनाओं का शिकार होते हैं।
जयपुर की फैमिली एंड चाइल्ड काउंसलर डॉ. अमिता श्रृंगी के अनुसार, “बच्चे उत्साह में खतरे को समझ नहीं पाते। माता-पिता का दायित्व है कि वे बच्चों की सुरक्षा पर लगातार नजर रखें और उन्हें सही व्यवहार सिखाएं।”
दिवाली पर बच्चों की सुरक्षा के 15 जरूरी टिप्स
1. बच्चों को अकेले बाहर न भेजें
दिवाली के दिन मोहल्लों में जगह-जगह पटाखे जलते हैं। छोटे बच्चे बिना समझे वहां पहुंच जाते हैं और चोटिल हो सकते हैं। उन्हें हमेशा किसी वयस्क की निगरानी में रखें।
2. पटाखों के प्रदूषण से बचाएं
पटाखों से निकलने वाला धुआं बच्चों की सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक होता है। कोशिश करें कि बच्चे ज्यादा देर बाहर न रहें और मास्क पहनें।
3. बिजली की झालरों से सावधान रहें
सजावट की झालरें बच्चों को आकर्षित करती हैं, लेकिन इनमें करंट या शॉर्ट-सर्किट का खतरा रहता है। इन्हें बच्चों की पहुंच से दूर लगाएं।
4. तेज आवाज से कानों की रक्षा करें
पटाखों की तेज आवाज बच्चों के कान और दिल दोनों पर असर डाल सकती है। उन्हें इयरमफ्स दें या शोर से दूर रखें।
5. सुरक्षित आतिशबाजी सिखाएं
पटाखे हमेशा लाइसेंस प्राप्त दुकानों से खरीदें। बच्चों को फुलझड़ी या अनार जैसे हल्के पटाखे ही दें और उन्हें अकेले न छोड़ें।
6. दीयों से दूरी बनाएं रखें
दीयों और मोमबत्तियों को हमेशा सपाट और सुरक्षित जगह पर रखें। बच्चों को इन्हें छूने या खेलने से मना करें।
7. इमरजेंसी तैयारी रखें
घर में फर्स्ट एड किट, पानी की बाल्टी और फायर एक्सटिंग्विशर रखें। बच्चों को आपातकालीन नंबर (100, 101, 108) याद कराएं।
8. भोजन में संतुलन रखें
त्योहार में मिठाइयां ज्यादा खाने से अपच या फूड पॉइजनिंग हो सकती है। बच्चों को सीमित मात्रा में ही मीठा दें।
9. ज्वलनशील चीजों से दूरी बनाएं
कपड़े, पर्दे या कागज जैसी चीजों को आग के पास न रखें। बच्चों को सिखाएं कि आग के आसपास सतर्क रहें।
10. कपड़े का चयन सोच-समझकर करें
बच्चों को सूती कपड़े पहनाएं क्योंकि सिंथेटिक फैब्रिक जल्दी आग पकड़ता है।
11. छोटी जगहों पर पटाखे न जलाएं
पटाखे हमेशा खुले और सुरक्षित स्थान पर ही जलाएं। भीड़भाड़ या बंद जगहों से बचें।
12. मोबाइल से वीडियो बनाते वक्त ध्यान रखें
कई बार बच्चे वीडियो बनाते समय खतरनाक रूप से पास चले जाते हैं। ऐसा न करने दें।
13. जले हुए पटाखे न छुएं
बच्चों को सिखाएं कि अधजले पटाखे या धुआं छोड़ चुके फुलझड़ी को न छूएं।
14. बच्चों को समूह में खेलने दें
एक-दूसरे की देखरेख में बच्चे ज्यादा सुरक्षित रहते हैं।
15. त्योहार के बाद सफाई में मदद लें
कचरा, राख या जले हुए पटाखों को सही तरीके से निपटाएं ताकि कोई हादसा न हो।
बच्चों को सिखाएं ये 6 सेल्फ-केयर टिप्स
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खतरों को पहचानना सीखें – किसी भी चीज से आग, बिजली या धुआं निकलता दिखे तो दूर हो जाएं।
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सुरक्षित दूरी बनाए रखें – पटाखे या दीयों से कम से कम 5 फीट की दूरी रखें।
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मदद मांगने में संकोच न करें – परेशानी में तुरंत बड़े या पास के व्यक्ति को बुलाएं।
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अपने कपड़ों और शरीर पर ध्यान दें – अगर कपड़ों में आग लग जाए तो दौड़ें नहीं, बल्कि रुकें और लोट जाएं (Stop, Drop, Roll)।
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अपनी सेहत का ध्यान रखें – तेज धुएं या आवाज से परेशानी हो तो तुरंत अंदर जाएं।
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कभी भी मज़ाक में आग या पटाखे न जलाएं – यह मज़ाक नहीं, खतरा है।
पटाखों के सुरक्षित विकल्प भी अपनाएं
डॉ. अमिता श्रृंगी सलाह देती हैं कि बच्चों को पटाखों की जगह रंगोली, दीये सजाना, पेपर लालटेन बनाना या घर की सजावट जैसी रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करें। इससे उनका उत्साह भी बना रहेगा और वे पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे।