कोटा / झालावाड़_जल संसाधन विभाग द्वारा घोषित नहर जलप्रवाह की तारीख 23 अक्टूबर किसानों के हित में नहीं बताई जा रही है। टेल क्षेत्र के किसानों का कहना है कि अगर जलप्रवाह निर्धारित समय से तीन दिन बाद शुरू होता है, तो उन्हें फसल की बुवाई और खेतों की तैयारी में देरी होगी, जिससे उत्पादन और श्रम दोनों प्रभावित होंगे।
जल संसाधन विभाग द्वारा घोषित नहर जलप्रवाह की तारीख 23 अक्टूबर किसानों के हित में नहीं बताई जा रही है। टेल क्षेत्र के किसानों का कहना है कि अगर जलप्रवाह निर्धारित समय से तीन दिन बाद शुरू होता है, तो उन्हें फसल की बुवाई और खेतों की तैयारी में देरी होगी, जिससे उत्पादन और श्रम दोनों प्रभावित होंगे।
प्रतिनिधिमंडल ने सौंपा ज्ञापन
टेल क्षेत्र से आए एक प्रतिनिधिमंडल ने कोटा स्थित सीएडी अधीक्षण अभियंता हरेत लाल से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने आग्रह किया कि जलप्रवाह 20 अक्टूबर से शुरू किया जाए ताकि किसान समय पर रबी सीजन की फसलें, विशेषकर गेहूं व चना, बो सकें।
प्रतिनिधिमंडल में कौन-कौन थे?
प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख लोगों के नाम इस प्रकार हैं:
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राजकुमार मीना – सरपंच, देईखेड़ा
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नरेंद्र बहड़ावली – किसान नेता
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अशोक मीना – विधायक प्रतिनिधि
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हनुमान मीना – नहर अध्यक्ष, झालीजी का बराना
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सुरेश मीणा – सामाजिक कार्यकर्ता
इन सभी ने एक स्वर में किसानों की समस्याओं को रखते हुए जलप्रवाह शीघ्र प्रारंभ करने की ज़ोरदार माँग की।
अधिकारियों का जवाब: कार्य पूर्ण होने के बाद ही जलप्रवाह संभव
अधीक्षण अभियंता हरेत लाल ने बताया कि टेल क्षेत्र में जलप्रवाह सुनिश्चित करने के लिए कुछ तकनीकी कार्य चल रहे हैं। इन कार्यों के पूरा होने के बाद ही नहरों में 23 अक्टूबर से जलप्रवाह शुरू किया जाएगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस बार टेल क्षेत्र में जलप्रवाह को पूरी निगरानी (मॉनिटरिंग) के साथ किया जाएगा और गेज स्तर की निरंतर निगरानी रखी जाएगी ताकि पानी की आपूर्ति संतुलित बनी रहे।
किसानों की मांग व प्रशासनिक जवाब में टकराव
जहाँ किसान जलप्रवाह में त्वरित शुरुआत चाहते हैं, वहीं प्रशासन का कहना है कि नहरों में पानी छोड़े जाने से पहले मरम्मत, सफाई और अन्य तकनीकी ज़रूरतों को पूरा करना जरूरी है। यह टकराव अगर जल्द सुलझाया नहीं गया तो किसानों को खेत तैयार करने और बुवाई में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
जलप्रवाह को लेकर टेल क्षेत्र के किसानों और प्रशासन के बीच समय को लेकर असहमति बनी हुई है। जहाँ एक ओर किसान 20 अक्टूबर से पानी छोड़ने की माँग कर रहे हैं, वहीं अधिकारी कार्य पूरे कर 23 अक्टूबर से ही जलप्रवाह शुरू करने पर अडिग हैं। आने वाले कुछ दिन इस पर निर्णायक हो सकते हैं।
संवाददाता:लोकेश कुमार
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