आज 17 अक्टूबर 2025 शुक्रवार का दिन है। यह दिन कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के रूप में मनाया जा रहा है। इस दिन मघा नक्षत्र और शुक्ल योग का संयोग बन रहा है। ज्योतिष अनुसार चंद्रमा आज सिंह राशि में रहेंगे। सिंह राशि का स्वामी सूर्य है, जो आत्मबल, नेतृत्व और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
आज की प्रमुख जानकारी
पंचांग के अनुसार आज अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:40 से 12:25 तक रहेगा। वहीं राहुकाल सुबह 10:37 से 12:02 तक रहेगा। सूर्योदय का समय 06:22 और सूर्यास्त का समय 17:42 है। चंद्रमा सिंह राशि में गोचर करेंगे। आज विक्रमी संवत 2082 और शक संवत 1947 चल रहा है।
आज की तिथि, नक्षत्र और योग
तिथि — एकादशी (11:14 तक)
नक्षत्र — मघा (13:56 तक)
योग — शुक्ल (25:41 तक)
प्रथम करण — बालवा (11:14 तक)
द्वितीय करण — कौवाला (23:44 तक)
वार — शुक्रवार
पक्ष — कृष्ण पक्ष
चंद्र राशि — सिंह
शुभ मुहूर्त और राहुकाल
शुभ मुहूर्त – अभिजीत मुहूर्त 11:40 से 12:25 तक
राहुकाल – सुबह 10:37 से 12:02 तक
इस समय के दौरान किसी शुभ कार्य या नई शुरुआत से परहेज करना चाहिए। वहीं अभिजीत मुहूर्त में किए गए कार्य सफलता दिलाते हैं।
चंद्रमा और सूर्य की स्थिति
आज चंद्रमा सिंह राशि में रहेंगे, जिससे आत्मविश्वास और आत्मबल में वृद्धि होगी। सूर्य की स्थिति तुला राशि में रहेगी। सिंह राशि में चंद्रमा का गोचर कार्यक्षेत्र में नए अवसर और सकारात्मकता लाता है।
पंचांग के पांच अंग
पंचांग पांच तत्वों से मिलकर बना होता है — तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण।
तिथि – चंद्र और सूर्य के मध्य कोणीय अंतर पर आधारित होती है।
नक्षत्र – आकाश के 27 तारा समूह जिन्हें नक्षत्र कहा जाता है।
वार – सप्ताह के सात दिन जो ग्रहों के नाम पर रखे गए हैं।
योग – सूर्य और चंद्र की दूरी से बनने वाले 27 योग।
करण – एक तिथि के दो भाग जिन्हें करण कहा जाता है।
🔯 धार्मिक मान्यता
एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस दिन व्रत और उपवास करने से पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति होती है। भक्तजन विष्णु सहस्रनाम पाठ, गीता पाठ या व्रत कथा सुनते हैं।
17 अक्टूबर 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। आज के दिन जहां एकादशी का व्रत मन की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है, वहीं सिंह राशि में चंद्रमा का गोचर आत्मविश्वास बढ़ाने वाला है। शुभ कार्यों के लिए अभिजीत मुहूर्त श्रेष्ठ रहेगा जबकि राहुकाल में किसी नए कार्य से बचना चाहिए।