आज 16 अक्टूबर 2025, गुरुवार का दिन भगवान विष्णु जी की आराधना के लिए शुभ माना गया है। सनातन धर्म में मान्यता है कि श्रीहरि विष्णु की पूजा करने से सभी दुख-दर्द और बाधाएं समाप्त होती हैं। आज के दिन यदि भक्त श्रद्धा से व्रत रखते हैं और दान करते हैं, तो दोगुना फल प्राप्त होता है। दीवाली से पहले आने वाला यह गुरुवार शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है।
आज का विस्तृत पंचांग (Aaj Ka Panchang Details)
-
तिथि: कृष्ण दशमी (प्रातः 10:35 बजे तक), इसके बाद एकादशी प्रारंभ
-
मास (पूर्णिमांत): कार्तिक
-
दिन: गुरुवार
-
संवत्: विक्रम संवत 2082
-
पक्ष: कृष्ण पक्ष
-
योग: शुभ योग (17 अक्टूबर प्रातः 02:11 बजे तक)
-
करण:
-
विष्टि (प्रातः 10:35 बजे तक)
-
बव (रात्रि 10:49 बजे तक)
-
सूर्य और चंद्र ग्रहों की स्थिति
-
सूर्योदय: प्रातः 06:22 बजे
-
सूर्यास्त: सायं 05:55 बजे
-
चंद्र उदय: 17 अक्टूबर को प्रातः 02:28 बजे
-
चंद्रास्त: दोपहर 03:08 बजे
-
सूर्य राशि: कन्या
-
चंद्र राशि: कर्क
शुभ-अशुभ समय (Auspicious & Inauspicious Time)
-
राहुकाल: दोपहर 01:32 से 02:58 तक – अशुभ समय (महत्वपूर्ण कार्यों से बचें)
-
गुलिकाल: प्रातः 09:14 से 10:40 तक
-
यमगण्ड काल: प्रातः 06:22 से 07:48 तक
टिप: शुभ कार्यों के लिए राहुकाल और यमगण्ड के समय से परहेज करें।
आज का नक्षत्र – अश्लेषा नक्षत्र (Ashlesha Nakshatra Today)
-
अवधि: प्रातः 12:42 बजे तक
-
नक्षत्र स्वामी: बुध देव
-
देवता: नाग
-
प्रतीक: सर्प
अश्लेषा नक्षत्र के गुण:
-
गूढ़ और रणनीतिक सोच वाले
-
आकर्षक व्यक्तित्व
-
सत्ता व नियंत्रण की प्रवृत्ति
-
तेज बुद्धि व नेतृत्व क्षमता से परिपूर्ण
-
रहस्यमय और योजनाबद्ध कार्य करने की आदत
इस नक्षत्र में किए गए कार्यों में सफलता धीरे-धीरे लेकिन स्थायी रूप से मिलती है।
धार्मिक महत्व और उपाय
आज के दिन भगवान विष्णु को पीली वस्त्र, तुलसी और पीले पुष्प अर्पित करें।
दान में चना दाल, पीले फल या वस्त्र देने से आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
सुबह “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
16 अक्टूबर 2025 का दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
गुरुवार के दिन बन रहे शुभ योग और अश्लेषा नक्षत्र का मेल मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा।
आज भगवान विष्णु की उपासना करने से आपके सभी कार्य सिद्ध होंगे और जीवन में सौभाग्य बढ़ेगा।