विराटनगर (जयपुर):
विराटनगर विधानसभा क्षेत्र के छोटे से गांव भौनावास के वीर पुत्र अग्निवीर भीम सिंह शेखावत को मंगलवार को हजारों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। उत्तराखंड के हर्षिल घाटी आर्मी कैंप के पास 5 अगस्त 2025 को बादल फटने और भू-स्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा के दौरान शहीद हुए भीम सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव लाया गया, जहां उन्हें सेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
शहीद के पार्थिव शरीर को प्रागपुरा थाना क्षेत्र से एक विशाल तिरंगा रैली के रूप में उनके गांव लाया गया। इस दौरान ग्रामीणों ने उनकी अंतिम यात्रा पर पुष्पवर्षा करते हुए “भारत माता की जय” और “शहीद अमर रहें” के नारों से आकाश गूंजा दिया। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए क्षेत्रभर से हजारों लोग पहुंचे।
वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों ने जताया सम्मान
इस अवसर पर कौशल नियोजन एवं उद्यमिता मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सांसद जयपुर ग्रामीण राव राजेन्द्र सिंह, कोटपूतली विधायक हंसराज पटेल, और बानसूर विधायक देवी सिंह शेखावत सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। साथ ही, जिला कलेक्टर प्रियंका गोस्वामी, एसपी देवेंद्र बिश्नोई, पावटा एसडीएम साधना शर्मा, और सैनिक कल्याण अधिकारी ऋषिदेव यादव सहित प्रशासन और सेना के अधिकारी भी मौजूद रहे।
कर्नल राठौड़ ने कहा: ‘भीम सिंह बने आने वाली पीढ़ियों के प्रेरणा स्रोत’
कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा:
“भीम सिंह ने जिस वीरता और साहस से अपने कर्तव्य का पालन किया, वह हम सभी के लिए गर्व की बात है। उन्होंने वर्दी की शान को बढ़ाया है और उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।”
उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि सरकार और भारतीय सेना शहीद के परिवार के साथ हर कदम पर खड़ी है।
पहली पोस्टिंग में ही निभाया बलिदान
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ऋषिदेव यादव के अनुसार, भीम सिंह ने करीब 9 महीने पहले भारतीय सेना की 14 राजपूताना राइफल्स में बतौर अग्निवीर भर्ती होकर अपनी सेवा शुरू की थी। यह उनकी पहली पोस्टिंग थी, और उन्होंने देश के लिए अपने जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया।
अग्निवीर भीम सिंह शेखावत की शहादत ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि देशभक्ति उम्र की मोहताज नहीं होती। पहली पोस्टिंग में ही उन्होंने जो कर्तव्यनिष्ठा और वीरता दिखाई, वह देशवासियों के लिए प्रेरणादायक है। उनके गांव भौनावास से लेकर पूरे विराटनगर और जयपुर जिले तक, लोग उनके बलिदान को नमन कर रहे हैं। राज्य और केंद्र सरकार को चाहिए कि उनके परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान कर उनके बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि दें।
संवाददाता…मामराज मीणा