भिवाड़ी (राजस्थान) – जयपुर रेंज के आईजी और पुलिस अधीक्षक प्रशांत किरण के निर्देशन में भिवाड़ी साइबर पुलिस ने एक ऐसा ऑपरेशन अंजाम दिया है, जो साइबर ठगी के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
टीम ने दिल्ली के कांती नगर से उत्तर प्रदेश निवासी अंकित शर्मा (33) को गिरफ्तार किया है, जो कमीशन पर बैंक खाते बेचने वाला ‘खाता सौदागर’ निकला।
आरोपी के पास से क्या-क्या बरामद हुआ?
पुलिस ने आरोपी के कब्जे से भारी मात्रा में सबूत जब्त किए हैं:
-
38 बैंक खातों की चेकबुक
-
4 पासबुक
-
20 एटीएम कार्ड
-
8 क्यूआर कोड
-
1 स्वाइप मशीन
-
9 मोबाइल फोन
-
9 रबर मुहर
-
1 इंकपैड
-
₹2.50 लाख नकद राशि
इन सभी का इस्तेमाल देशभर में फैली साइबर ठगी के नेटवर्क में किया जा रहा था।
183 मामलों में ₹122 करोड़ की ठगी का कनेक्शन
पुलिस जांच में सामने आया कि इन खातों का इस्तेमाल 1930 एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज 183 साइबर क्राइम शिकायतों में किया गया था।
इन खातों के जरिए अब तक ₹122 करोड़ 21 लाख 59 हजार 57 रुपये की ठगी हो चुकी है।
पहले भी गिरफ़्तारी हो चुकी है
इस नेटवर्क से जुड़े दो अन्य आरोपी राशिद और अजमत को पहले ही गिरफ्तार किया गया था। उनके पास से:
-
11 चेकबुक
-
4 एटीएम कार्ड
-
4 क्यूआर कोड
-
1 स्वाइप मशीन
-
5 मोबाइल बरामद हुए थे
इनके खातों से जुड़े 96 मामलों में ₹61 करोड़ की ठगी सामने आई थी।
ऑपरेशन की टीम और नेतृत्व
इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया:
-
एसपी प्रशांत किरण
-
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अतुल साहू
-
वृताधिकारी जयसिंह आरपीएस
-
साइबर थाने की विशेष टीम द्वारा
टीम में कांस्टेबल आशीष, संदीप, मुकेश, रजत शर्मा और मंजीत की भूमिका को विशेष रूप से सराहा गया है।
“म्यूल अकाउंट” अब अपराध का हिस्सा
इस ऑपरेशन ने एक महत्वपूर्ण सच्चाई उजागर की है — जो लोग पहले बैंक खाता बेचते थे, वे अब सीधे साइबर अपराधी नेटवर्क का हिस्सा बन चुके हैं।
इन्हें सिर्फ खाता बेचने वाला नहीं, बल्कि साइबर क्राइम माफिया का सहयोगी माना जा
राष्ट्रीय स्तर पर चेतावनी
भिवाड़ी पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ राजस्थान, बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है —
“डिजिटल अपराध की राह अब सुरक्षित नहीं!”
राजस्थान पुलिस की साइबर सेल की यह अब तक की सबसे बड़ी और तकनीकी रूप से सफल ऑपरेशन मानी जा रही है।
भिवाड़ी साइबर थाना की तेज़, सटीक और सूझबूझ भरी इस कार्रवाई ने यह सिद्ध कर दिया है कि अब साइबर ठगों के लिए भारत में सुरक्षित छिपना संभव नहीं।
राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे डिजिटल इंडिया मिशन को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने में इस तरह के ऑपरेशन मील का पत्थर साबित होंगे।
संवाददाता मुकेश कुमार शर्मा