मावली नगर पालिका क्षेत्र में आयोजित हो रहे मेले के दौरान प्रशासन और आमजन के बीच एक नई चर्चा का विषय सामने आया है। दरअसल, नगर पालिका में वर्तमान समय में प्रशासक नियुक्त हैं, लेकिन इसके बावजूद पूर्व चेयरमैन ने अपना निजी बोर्ड लगवा दिया, जिस पर “अध्यक्ष” लिखा हुआ था। इस घटना ने मेले में आए लोगों और स्थानीय नागरिकों के बीच सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासक होने के बावजूद बोर्ड क्यों?
नगर पालिका मावली में फिलहाल प्रशासक की नियुक्ति की गई है और प्रशासनिक कार्यवाही उन्हीं के अधीन चल रही है। ऐसे में पूर्व चेयरमैन द्वारा अपना बोर्ड लगवाना कई लोगों को खटक रहा है।
-
बोर्ड पर साफ-साफ “अध्यक्ष” लिखा गया।
-
इस बोर्ड को नगर पालिका मेले में सार्वजनिक स्थल पर लगाया गया।
-
जिससे लोगों को भ्रम हुआ कि अभी भी चेयरमैन कार्यरत हैं।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
मेले में पहुंचे स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने इस पूरे मामले को लेकर नाराजगी जताई। उनका कहना है कि जब नगर पालिका में प्रशासक नियुक्त हैं तो पूर्व चेयरमैन द्वारा निजी बोर्ड लगाना नियमों के खिलाफ है।
लोगों ने यह भी कहा कि इस तरह की गतिविधियां न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर करती हैं बल्कि आमजन में गलत संदेश भी पहुंचाती हैं।
प्रशासन की चुप्पी
घटना के बाद कई लोगों ने प्रशासन से भी सवाल किए कि आखिर इस तरह का निजी बोर्ड कैसे लगाया जा सकता है। हालांकि अभी तक प्रशासन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं प्रशासनिक नियमों और लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ हैं और इन्हें तुरंत हटाया जाना चाहिए।
नगरवासियों की मांग
नगर के नागरिकों ने मांग की है कि:
-
प्रशासन तुरंत इस तरह के बोर्ड हटाए।
-
जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए।
-
मेले में किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधि को रोका जाए।
मावली नगर पालिका मेले में पूर्व चेयरमैन द्वारा लगाया गया निजी बोर्ड अब चर्चा का बड़ा मुद्दा बन गया है। जहां एक ओर प्रशासन ने प्रशासक नियुक्त कर व्यवस्था अपने हाथ में ले रखी है, वहीं दूसरी ओर इस तरह की गतिविधियां प्रशासनिक नियमों और लोकतांत्रिक परंपराओं पर सवाल उठाती हैं।
अगर प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की, तो इस तरह की घटनाएं भविष्य में और विवाद खड़ा कर सकती हैं।
संवाददाता मोहम्मद आजाद मुल्तानी