अलवर नगर निगम की लापरवाही: 10 साल से बंद पड़े कचरा प्लांट, गांव में बदबू और गंदगी से लोग परेशान

अलवर नगर निगम की लापरवाही ने ग्रामीणों का जीना दूभर कर दिया है। नगर निगम द्वारा ग्राम बगड़ राजपूत और बगड़ मेव में बनाए गए कचरा प्लांट पिछले 10 साल से बंद पड़े हैं। खुले में कचरा डंप होने से गांव में गंदगी, बदबू, मच्छर और मक्खियों का प्रकोप बढ़ गया है।

खुले में उड़ता कचरा, सड़क पर फैलती गंदगी

गांव में आने-जाने वाले नगर निगम के डंपर खुले में कचरा लाते हैं। डंपिंग प्रक्रिया सही तरीके से न होने के कारण कचरा सड़कों पर उड़कर फैल जाता है। इससे ग्रामीणों को न केवल बदबू और गंदगी का सामना करना पड़ता है बल्कि स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरे भी उत्पन्न हो रहे हैं।

समाजसेवी का आरोप: 10 साल से प्लांट शुरू नहीं

समाजसेवी सुबह दिन डेंगल ने बताया कि ग्राम बगड़ राजपूत और बगड़ मेव में नगर निगम ने दो कचरा प्लांट बनाए थे, लेकिन इन्हें बनाए हुए एक दशक हो गया, फिर भी ये अब तक शुरू नहीं हुए।

उन्होंने बताया कि प्लांट शुरू नहीं होने की वजह से हजारों टन कचरा खुले में पड़ा है। इस वजह से गांव के लोग प्रदूषण और बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

धरना प्रदर्शन और पुलिस की कार्रवाई

सुबह दिन डेंगल ने बताया कि बीते 22 तारीख को ग्रामीणों ने शांतिपूर्ण धरना देकर प्रशासन को समस्या से अवगत कराया। लेकिन पुलिस और अधिकारियों ने वहां पहुंचकर धरना समाप्त करवा दिया।

इसके बावजूद ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया और कचरा प्रबंधन प्लांट अब तक शुरू नहीं हो सका।

स्वास्थ्य पर मंडरा रहा खतरा

गांव के लोगों का कहना है कि गंदगी और बदबू से उनका स्वास्थ्य खतरे में है।

  • बच्चों और बुजुर्गों को डेंगू, मलेरिया और सांस संबंधी बीमारियों का डर है।

  • मच्छरों और मक्खियों की भरमार से गांव में रहना मुश्किल हो गया है।

  • कई परिवारों ने प्रशासन से लगातार शिकायत की, लेकिन अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं मिला।

  • प्रशासन पर सवाल

    ग्रामीणों का कहना है कि नगर निगम और प्रशासन दोनों ही इस मामले में गंभीर नहीं हैं। लाखों रुपये खर्च कर बनाए गए कचरा प्लांट 10 साल से बंद पड़े हैं, जबकि ग्रामीण रोजाना गंदगी और प्रदूषण झेलने को मजबूर हैं।

समाजसेवी की मांग

समाजसेवी सुबह दिन डेंगल ने प्रशासन से मांग की है कि:

  • दोनों कचरा प्लांट को तुरंत शुरू किया जाए।

  • खुले में कचरा डंपिंग बंद की जाए।

  • गांव में स्वच्छता और स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाता तो ग्रामीण एक बार फिर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

अलवर नगर निगम की लापरवाही का खामियाजा आज ग्रामीण झेल रहे हैं। बगड़ राजपूत और बगड़ मेव गांव गंदगी, बदबू और बीमारियों से जूझ रहे हैं। जबकि कचरा प्रबंधन के लिए बनाए गए प्लांट 10 साल से धूल खा रहे हैं। अब ग्रामीणों की उम्मीद सिर्फ प्रशासनिक कदम पर टिकी है, ताकि उनका जीवन सामान्य हो सके।

संवाददाता रोहिताश कुमार जाटव

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