टोरडी ग्राम पंचायत क्षेत्र का बालापुरा-शेरगढ़-जरेली मार्ग ग्रामीणों के लिए सिरदर्द बन गया है। सहोदरा नदी पर अधूरा पड़ा यह मार्ग हर बरसात में तालाब का रूप ले लेता है। आसपास के ग्रामीण और किसान बहते पानी और रेत के बीच जान जोखिम में डालकर आवागमन करने को मजबूर हैं।
अधूरा निर्माण और रोज़ाना की परेशानी
बालापुरा, शेरगढ़ और जरेली गांवों को जोड़ने वाला यह मार्ग लोगों की जीवनरेखा है। लेकिन अधूरे निर्माण की वजह से बरसात आते ही यह रास्ता डूब जाता है। ग्रामीणों को मजबूरी में इस खतरनाक मार्ग से होकर ही खेतों और कस्बे तक जाना पड़ता है।
लोगों का कहना है कि सिर्फ पक्का मार्ग ही समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अब तक ठोस पहल नहीं की गई है।
ट्रैक्टर और वाहन फंसने से बढ़ा संकट
ग्रामीण बताते हैं कि सहोदरा नदी के कटे हिस्से और रेत में कई बार ट्रैक्टर व वाहन फंस चुके हैं। अब तक कई हादसे हो चुके हैं, जिनमें किसानों के ट्रैक्टर पलट गए और उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा।
वाहन चालकों का कहना है कि रात के समय इस मार्ग से गुजरना और भी खतरनाक हो जाता है। थोड़ी सी लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है।
किसानों की मुश्किलें
गांव के किसान बताते हैं कि खराब रास्ते के कारण वे अपनी फसल समय पर खेतों से मंडी तक नहीं पहुंचा पाते। बरसात में तो यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है, क्योंकि खेतों तक पहुंचने का यही मुख्य मार्ग है।
एक किसान ने बताया—
“हर साल हम इसी समस्या से जूझते हैं। ट्रैक्टर-ट्रॉली पानी में फंस जाती है, कभी पलट जाती है। इससे फसल का नुकसान तो होता ही है, साथ ही जान का खतरा भी बना रहता है।”
ग्रामीणों की प्रशासन से मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस अधूरे मार्ग को शीघ्र पूरा करवाया जाए और सहोदरा नदी पर स्थायी पुलिया का निर्माण किया जाए। उनका कहना है कि जब तक यह मार्ग अधूरा रहेगा, तब तक लोगों की जान और माल दोनों पर खतरा बना रहेगा।
प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में
ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार शिकायतों और मांगों के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई गंभीर कदम नहीं उठाया गया। लोगों का कहना है कि हर बार सिर्फ आश्वासन दिया जाता है लेकिन काम अधूरा ही रह जाता है।
मालपुरा क्षेत्र का बालापुरा-शेरगढ़-जरेली मार्ग ग्रामीणों की परेशानियों का सबब बना हुआ है। सहोदरा नदी पर अधूरा पड़ा यह मार्ग न केवल किसानों और मजदूरों के लिए परेशानी है, बल्कि हर आने-जाने वाले के लिए खतरा भी है।
ग्रामीणों की स्पष्ट मांग है कि इस मार्ग को जल्द से जल्द पूरा करवाया जाए ताकि लोगों की समस्याएं दूर हों और आवागमन सुचारू रूप से हो सके।
संवाददाता कमलेश प्रजापत