उपखंड क्षेत्र के ग्राम सोंधीफल निवासी राजेश चौधरी ने अपनी मेहनत और लगन से बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर से कृषि संकाय (एग्रोनॉमी) में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।
मूंगफली पर किया गया शोध
राजेश चौधरी का शोध विषय था –
“बूँद-बूँद प्रणाली के तहत सिंचाई और लौह तत्व पर मूंगफली (Arachis hypogea L.) की प्रतिक्रिया”।
यह विषय न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाने और उत्पादन बढ़ाने में भी उपयोगी साबित होगा।
शोध निर्देशक का मार्गदर्शन
राजेश चौधरी ने यह शोध डॉ. एम.एल. रैगर के निर्देशन में पूरा किया। डॉ. रैगर ने उन्हें शोध प्रक्रिया में निरंतर मार्गदर्शन दिया।
सफलता का श्रेय
राजेश चौधरी ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया। इसके साथ ही उन्होंने अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर रामेश्वर सिंह, वरिष्ठ अध्यापक मुकेश कुमार चौधरी और पूर्व प्रधान पंचायत समिति मालपुरा सरोज चौधरी के मार्गदर्शन और सहयोग का आभार व्यक्त किया।
परिवार और क्षेत्र में खुशी की लहर
पीएचडी की उपाधि मिलने की खबर से राजेश चौधरी के परिवार और पूरे सोंधीफल गांव में खुशी का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी यह उपलब्धि न केवल परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।
कृषि जगत में योगदान की उम्मीद
विशेषज्ञों का मानना है कि राजेश चौधरी का शोध किसानों के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलेगा।
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ड्रिप इरिगेशन (बूँद-बूँद प्रणाली)
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लौह तत्व का महत्व
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मूंगफली उत्पादन में सुधार
ये शोध बिंदु राजस्थान सहित देशभर के किसानों को नई दिशा प्रदान करेंगे।
राजेश चौधरी की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि ग्रामीण क्षेत्र से भी युवा अपनी मेहनत और समर्पण से नई ऊँचाइयाँ छू सकते हैं। उनकी उपलब्धि आने वाली पीढ़ी के छात्रों और शोधार्थियों के लिए प्रेरणा बनेगी।
टोंक | संवाददाता BK bharat