किशनगंज उपखंड क्षेत्र के रामगढ़ क्रेटर में 1000 फीट की ऊंचाई पर माता कृष्णाई का भव्य मंदिर स्थित है। यहां माता कन्या स्वरूप में विराजमान हैं। नवरात्रों की शुरुआत होते ही श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो जाता है। हर दिन हजारों की संख्या में भक्त यहां पहुंचकर माता के दर्शन कर रहे हैं।
751 सीढ़ियों से पहुंचते हैं श्रद्धालु
गिरनार पर्वत की चोटी पर स्थित इस मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 751 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। भक्तजन कठिन चढ़ाई को पार करके जब मंदिर तक पहुंचते हैं, तो माता के दर्शन से उनकी थकान दूर हो जाती है। सोमवार को दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु कतार में खड़े नजर आए।
ऐतिहासिक महत्व और निर्माण कथा
मंदिर के पुजारी सुदामा गुर्जर के अनुसार, यह मंदिर 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। कोटा और जयपुर रियासत के बीच हुए युद्ध के उपरांत, झाला जालिम सिंह को युद्ध के दौरान आए स्वप्न के आधार पर इस मंदिर का निर्माण करवाया गया। मान्यता है कि यहां माता कन्या स्वरूप में प्रकट हुई थीं।
नवरात्रों में विशेष आयोजन
नवरात्र शुरू होते ही यहां सात दिवसीय मेले का आयोजन होता है। मंदिर परिसर और आसपास भक्तों की भीड़ से गुलजार रहता है। साथ ही भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। इस वर्ष भंडारे का आयोजन कालू लाल आर्य बसवाल, अध्यक्ष संत परमानंद सेवा समिति खटीक समाज बारां द्वारा किया जा रहा है।
पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण
रामगढ़ क्षेत्र का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी है। यहां का खुजहवारों का भंडदेवरा और उल्का पिंड गिरनार पर्वत विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। देशभर से पर्यटक यहां की प्राकृतिक और धार्मिक धरोहरों को देखने आते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कृष्णाई माता मंदिर और रामगढ़ क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि से अनोखा है, लेकिन सरकार की ओर से इसे वह ध्यान नहीं मिल रहा, जिसकी यह जगह हकदार है। यदि यहां उचित सुविधाएं और विकास कार्य किए जाएं तो यह क्षेत्र राष्ट्रीय स्तर पर बड़ा धार्मिक व पर्यटन स्थल बन सकता है।
किशनगंज | संवाददाता मदन शाक्यवाल