अजमेर: गरबा पांडाल की रात खुशियों से भरी थी, लेकिन यह खुशी अचानक मातम में बदल गई जब बीके कॉल नगर के 7 साल के दैविक धनवानी की बिजली के करंट से मौत हो गई। शुक्रवार की रात पांडाल में डीजे की धुनें बज रही थीं और बच्चे गरबा खेल रहे थे। दैविक भी वहीं खेल रहा था, लेकिन लौटते समय उसकी जान चली गई। माता-पिता की आंखों के सामने अपने बेटे का शव आने से पांडाल में चीखें गूंज उठीं और पूरे शहर में हड़कंप मच गया।
माता-पिता का आरोप: आयोजकों की भारी लापरवाही
दैविक के पिता कपिल धनवानी ने आरोप लगाया कि पांडाल में सुरक्षा के कोई उचित इंतजाम नहीं थे। बिजली के तारों में इंसुलेशन नहीं था, कोई बैरियर नहीं लगाया गया था और भीड़ प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं रखा गया था। उन्होंने बताया कि पांडाल केवल शो-ऑफ और लाइमलाइट के लिए सजाया गया था, जबकि सुरक्षा को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया। इस लापरवाही ने एक मासूम की जान ले ली और समाज को यह सोचने पर मजबूर किया कि सार्वजनिक आयोजनों में बच्चों और आम लोगों की सुरक्षा कितनी अनदेखी की जाती है।
पांडाल में सुरक्षा की कमी
स्थानीय लोगों और पड़ोसियों ने बताया कि पांडाल में बच्चों के खेलने के लिए कोई सुरक्षित क्षेत्र नहीं बनाया गया था। पांडाल में केवल रंग-बिरंगी लाइट्स और डीजे की धुनों पर ध्यान दिया गया था, जिससे हादसे का खतरा और बढ़ गया। खुले तार और लापरवाही बच्चों के लिए गंभीर जोखिम बन गई।
पुलिस की जांच और प्रशासन की प्रतिक्रिया
पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और शव को जवाहरलाल नेहरू अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखा गया है। अधिकारियों ने कहा कि तकनीकी और फॉरेंसिक जांच के जरिए पूरी घटना का खुलासा किया जाएगा और दोषियों को सज़ा दिलाने की कोशिश की जाएगी।
समाज और आयोजकों के लिए चेतावनी
यह घटना बच्चों और आम लोगों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सार्वजनिक आयोजनों में बिजली के उपकरण, तारों और भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना बेहद जरूरी है। छोटे बच्चों और कमजोर लोगों के लिए जोखिम अधिक होता है, इसलिए आयोजकों और प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि सुरक्षा मानकों का पालन करें।
भविष्य के लिए कदम
दैविक के माता-पिता और आसपास के लोग मांग कर रहे हैं कि दोषियों को जल्द सज़ा दी जाए। प्रशासन को भविष्य में ऐसे आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि बच्चों और आम लोगों की जान जोखिम में न पड़े। यह घटना न केवल अजमेर बल्कि पूरे देश के आयोजकों और प्रशासन के लिए चेतावनी है कि मनोरंजन और त्योहारों के पीछे सुरक्षा को नजरअंदाज करना गंभीर परिणाम दे सकता है।