महाराष्ट्र: की राजनीति में उस समय गर्मागर्मी देखने को मिली जब उपमुख्यमंत्री अजित पवार किसानों की कर्जमाफी से जुड़ी मांग पर भड़क गए। एक कार्यक्रम में किसानों ने जब जोर देकर कर्जमाफी की बात उठाई तो पवार ने तीखे शब्दों में प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि “क्या हम यहाँ कंचे खेलने आए हैं? अगर ऐसा ही है तो इसे ही मुख्यमंत्री बना दो।” इस बयान के बाद सभा में कुछ देर के लिए सन्नाटा छा गया।
किसानों की ओर से बार-बार कर्जमाफी की मांग उठ रही है। उनका कहना है कि फसल खराब होने और महंगाई की वजह से किसान भारी संकट से गुजर रहे हैं।
पवार ने किसानों को समझाने की कोशिश की कि सरकार पहले से ही कई योजनाएँ चला रही है। उन्होंने कहा कि हर समस्या का हल तुरंत नहीं निकाला जा सकता और इसके लिए नीतिगत फैसले करने पड़ते हैं।
हालांकि, उनके इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। विपक्ष ने इसे किसानों की भावनाओं का अपमान बताया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि सरकार को किसानों की पीड़ा समझनी चाहिए न कि उन पर गुस्सा निकालना चाहिए।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई लोग पवार के बयान का समर्थन कर रहे हैं, तो कई इसे असंवेदनशील बता रहे हैं।
अब देखना होगा कि इस बयान का आगामी चुनावी माहौल पर क्या असर पड़ता है, क्योंकि महाराष्ट्र की राजनीति में किसान हमेशा से अहम मुद्दा रहे हैं।