अवधेश कला केंद्र, विराटनगर द्वारा आयोजित रामलीला में बुधवार रात भगवान राम के वनवास और केवट प्रसंग का मंचन किया गया। इस अवसर पर विराटनगर के वरिष्ठ पत्रकार मामराज मीणा का सम्मान भी किया गया।
भगवान राम का वनवास प्रसंग
कार्यक्रम में माता कैकेयी की आज्ञा के बाद भगवान राम का वनवास दिखाया गया। राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वन के लिए निकल पड़े।
अयोध्यावासियों ने उनके साथ जाने की ज़िद की, लेकिन भगवान राम ने उन्हें सोता हुआ छोड़कर सारथी सुमंत के साथ रथ पर आगे बढ़ना स्वीकार किया।
निषादराज और केवट प्रसंग
श्रृंगवेरपुर पहुँचने पर भगवान राम की भेंट निषादराज से हुई। निषादराज ने उन्हें नगर में आने का आग्रह किया, लेकिन राम ने पिता के वचनों का पालन करते हुए नगर में प्रवेश नहीं किया।
उन्होंने जंगल में कंद-मूल और फल खाकर, घास के बिस्तरों पर माता सीता के साथ विश्राम किया।
इसके बाद, भगवान राम ने सुमंत को अयोध्या वापस भेजा और गंगा पार कराने के लिए केवट को बुलाया। केवट ने भगवान के चरण धोने की शर्त रखी। चरण धोने के बाद उसने ही प्रभु राम को गंगा पार कराई। इस भावपूर्ण दृश्य ने दर्शकों को भक्ति में डुबो दिया।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि
रामलीला कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
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उपखंड अधिकारी अमिता मान
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तहसीलदार लालाराम यादव
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नायब तहसीलदार मेनका चौधरी
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विद्युत विभाग के सहायक अभियंता कपिल शर्मा
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नगरपालिका सहायक अभियंता हरी सिंह
इन अतिथियों ने मंचन की सराहना की और आयोजकों का उत्साहवर्धन किया।
विराटनगर (जयपुर)। संवाददाता मामराज मीणा